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File photo
गाजियाबाद,वाईबीएन संवाददाता
गाजियाबाद जिला न्यायालय के जिला जज आशीष गर्ग का सोमवार को अचानक हार्ट अटैक से निधन हो गया। वे एक निजी अस्पताल में भर्ती थे, जहां उपचार के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके असमय निधन की खबर से न्यायपालिका, अधिवक्ता समुदाय और प्रशासनिक हलकों में गहरा शोक फैल गया है। आशीष गर्ग का स्थानांतरण गत 30 अप्रैल को मथुरा से गाजियाबाद हुआ था और उन्होंने 5 मई को यहां जिला जज का पदभार संभाला था। बेहद अनुभवी और गंभीर स्वभाव के लिए पहचाने जाने वाले आशीष गर्ग ने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण मामलों का निपटारा किया और न्यायिक कार्यप्रणाली में पारदर्शिता एवं गति लाने पर विशेष जोर दिया।
मुजफ्फरनगर के निवासी
आशीष गर्ग का जन्म और पालन-पोषण उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में हुआ था। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा अपने गृह जनपद से प्राप्त करने के बाद कानून की पढ़ाई की और न्यायिक सेवा में प्रवेश किया। अपनी लगन, निष्ठा और न्याय के प्रति अटूट समर्पण के बल पर उन्होंने प्रदेश के कई जनपदों में जिला जज के रूप में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं।उनका कार्यकाल कई स्थानों पर अनुकरणीय रहा, जहां उन्होंने लंबित मामलों के शीघ्र निपटान और न्यायिक प्रक्रियाओं को सरल बनाने के प्रयास किए। वे अधीनस्थ न्यायालयों में समयबद्ध कार्यवाही और पीड़ित पक्ष को त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए जाने जाते थे।
तबीयत बिगड़ने से मचा हड़कंप
सूत्रों के अनुसार, सोमवार सुबह अचानक आशीष गर्ग की तबीयत बिगड़ गई। सीने में तेज दर्द और घबराहट की शिकायत पर उन्हें तत्काल गाजियाबाद के एक निजी अस्पताल ले जाया गया। जांच के बाद चिकित्सकों ने हार्ट अटैक की पुष्टि की और उन्हें बचाने के लिए पूरी कोशिश की, लेकिन उपचार के दौरान ही उनका निधन हो गया।उनकी मृत्यु की खबर मिलते ही न्यायालय परिसर में कामकाज ठप हो गया। अधिवक्ताओं और न्यायिक अधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।
न्यायिक जगत में अपूरणीय क्षति
आशीष गर्ग को एक सख्त लेकिन न्यायप्रिय जज के रूप में जाना जाता था। वे कोर्ट में अनुशासन और समयपालन के कड़े पक्षधर थे। उनके कई फैसले नजीर के तौर पर माने जाते हैं। सहकर्मियों का कहना है कि वे न केवल कानून के गहरे जानकार थे बल्कि मानवीय संवेदनाओं को भी महत्व देते थे।वरिष्ठ अधिवक्ता समुदाय ने कहा कि उनके निधन से प्रदेश की न्यायिक व्यवस्था को एक अपूरणीय क्षति हुई है। बार एसोसिएशन ने एक दिन के लिए न्यायिक कार्यों का बहिष्कार कर उनके सम्मान में मौन रखा।
व्यक्तिगत जीवन और विरासत
आशीष गर्ग अपने पीछे परिवार, रिश्तेदारों और अनगिनत शुभचिंतकों को छोड़ गए हैं। उनका जीवन न्याय के आदर्शों को जीने और लागू करने का एक उदाहरण रहा। उनकी ईमानदारी, निष्पक्षता और सरल स्वभाव को लंबे समय तक याद किया जाएगा।गाजियाबाद के साथ-साथ जिन-जिन जनपदों में उन्होंने सेवा दी, वहां के लोग और अधिवक्ता उन्हें एक संवेदनशील और कुशल प्रशासक के रूप में याद करेंगे। उनका जाना न केवल गाजियाबाद बल्कि पूरे प्रदेश की न्यायपालिका के लिए गहरी क्षति है।गाजियाबाद जिला न्यायालय में सोमवार को उनके सम्मान में शोक सभा आयोजित की जाएगी, जिसमें न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं और कर्मचारियों द्वारा उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी। उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए मुजफ्फरनगर ले जाया जाएगा।
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