161 एकड़ रक्षा मंत्रालय की जमीन को महज ढाई साल के लिए विधायक बने संजीव शर्मा ने एक महीने की मेहनत से चार दशक के अतिकम्रण से मुक्त करा दिया। अब इस जमीन को हरा-भरा कराकर इसे लाईनपार क्षेत्र की पहचान बनाने की कवायद हो रही है।
गाजियाबाद विधानसभा क्षेत्र की आधी से ज्यादा आबादी लाईनपार क्षेत्र में रहती है। इस इलाके को विजयनगर के नाम से जाना जाता है। यहां मौजूद रक्षा विभाग की राईफल रेंज की करीब 161 एकड़ भूमि पिछले करीब चार दशक से ज्यादा वक्त से अतिक्रमण की शिकार थी। अब वही जमीन इस इलाके की पहचान बनेगी।
रक्षा मंत्रालय से मिली हरी झंडी
sanj
Advertisment
रक्षा विभाग की राईफल रेंज की ये 161.5116 एकड़ भूमि पर अब पौधरोपण होगा। पौधरोपण शहर विधायक संजीव शर्मा वन विभाग के सहयोग से कराएंगे। इसके लिए रक्षा सम्पदा अधिकारी मेरठ मंडल मेरठ छावनी की स्वीकृति भी मिल गई है। रक्षा मंत्रालय के संपदा अधिकारी की तरफ से मंगलवार को इस बाबत अनुमति पत्र जारी कर दिया गया। इसकी जानकारी विधायक संजीव शर्मा को भेजे पत्र के जरिये उन्हें दी गई।
वन विभाग कराएगा तारबंदी-पौधारोपण
Advertisment
वन विभाग ने रक्षा संपदा विभाग को ये जानकारी दी है कि वह इस पूरी जमीन की तारबंदी करके उसमें पौधारोपण कराएगा। वन विभाग के सोमवार को इस आश्वासन पत्र के मिलने बाद ही रक्षा संपदा विभाग ने इसकी स्वीकृति देते हुए विधायक संजीव शर्मा को जानकारी भेजी है।
24 जनवरी को किया था निरीक्षण
Advertisment
रक्षा संपदा विभाग के प्रतिनिधि ने बीती 24 जनवरी को रक्षा विभाग की इस जमीन का स्थलीय निरीक्षण करने के बाद रिपोर्ट भेजी है कि वन विभाग द्वारा तारबंदी की कार्रवाई शुरू होते ही इस जमीन पर खेती कर रहे लोगों के साथ पहले कब्जा किए लोग भी अपना मलबा खुद हटा लेंगे। निरीक्षण के दौरान इस बात का आश्वासन उन्हें दिया गया है। साथ ही ये भी बताया गया है कि कोई व्यवधान उत्पन्न करता है तो रक्षा संपदा विभाग खुद उन्हें हटवाने की कार्रवाई करेगा औऱ कराएगा।
सांसद-विधायक के प्रयासों से हुआ संभव
गौरतलब है कि विजयनगर स्थित रक्षा विभाग के राईफल रेंज की 161.5116 एकड भूमि पर तकरीबन चार दशकों से अतिक्रमण था। जिसे शहर विधायक संजीव शर्मा व सांसद अतुल गर्ग के प्रयास के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आदेश पर हटाया गया था। अब रक्षा मंत्रालय ने इस भूमि पर पौधरोपण कराने को कहा है। जाहिर है इससे दौबारा कोई अतिक्रमण ना कर सके और लाईन पार क्षेत्र का इलाका हरे-भरे क्षेत्र के रूप में पहचाना जाने लगेगा। जाहिर है कि इससे पर्यावरण संरक्षण पर भी सकारात्मक असर होगा।
Advertisment
हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें!
विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें