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Demand: पूर्व मुस्लिम पार्षद ने सीएम योगी को लिखा पत्र, की अनोखी मांग

पूर्व पार्षद एवं नगर निगम कार्यकारिणी सदस्य जाकिर अली सैफी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर श्रावण मास के अवसर पर उत्तर प्रदेश में शराब और अन्य मादक पदार्थों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह महीना हिन्दू धर्मावलंबियो

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Syed Ali Mehndi
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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता

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पूर्व पार्षद एवं नगर निगम कार्यकारिणी सदस्य जाकिर अली सैफी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर श्रावण मास के अवसर पर उत्तर प्रदेश में शराब और अन्य मादक पदार्थों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह महीना हिन्दू धर्मावलंबियों के लिए आस्था, उपवास, संयम और भगवान शिव की भक्ति का प्रतीक होता है, ऐसे में नशा जैसी सामाजिक बुराइयों पर नियंत्रण जरूरी है।

 आराधना भक्ति का महीना 

जाकिर सैफी ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि श्रावण मास विशेष रूप से भगवान शिव की आराधना, रुद्राभिषेक, व्रत एवं आत्मिक शुद्धि का समय होता है। इस पवित्र माह में लाखों श्रद्धालु मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं और पूरे प्रदेश में धार्मिक वातावरण बनता है। ऐसी स्थिति में शराब की बिक्री और सेवन न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत करता है, बल्कि स्वास्थ्य और समाज दोनों पर विपरीत असर डालता है। उन्होंने कहा कि सावन के दौरान बढ़ती उमस और गर्मी के कारण शरीर में जल की आवश्यकता अधिक रहती है, वहीं शराब का सेवन शरीर में निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) को बढ़ाता है और अनेक स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देता है। साथ ही, यह आत्मिक साधना और संयम की भावना को भी कमजोर करता है। ऐसे में सरकार को न केवल स्वास्थ्य बल्कि आध्यात्मिकता और सामाजिक शांति को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेना चाहिए।

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शिवरात्रि को शराबबंदी

जाकिर सैफी ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि श्रावण शिवरात्रि के दिन पूर्ण प्रदेश में शराबबंदी की जाए और साथ ही जनजागरूकता अभियान चलाकर समाज को संयम, स्वास्थ्य और धर्म के प्रति जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि यह निर्णय श्रद्धालुओं की धार्मिक आस्था का सम्मान होगा और समाज में नैतिकता व मर्यादा को भी बढ़ावा देगा। इस संबंध में पत्र की प्रतिलिपि जिलाधिकारी गाजियाबाद और पुलिस आयुक्त को भी प्रेषित की गई है, ताकि स्थानीय स्तर पर भी आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित हो सके। सैफी ने यह भी कहा कि धार्मिक अवसरों पर नशा नियंत्रण की दिशा में कड़े कदम उठाना समय की मांग है। यह पहल धार्मिक समरसता और सामाजिक सुधार की दिशा में एक सकारात्मक संदेश देने वाली मानी जा रही है।

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