गाजियाबाद, चीफ रिपोर्टर।
ट्रांस हिंडन इलाके का इंदिरापुरम का इलाका सोसायटीज का गढ़ है। बावजूद इसके यहां की हालत ये है कि जीडीए के अधिकार क्षेत्र में रहने के दौरान इसके पार्कों और ग्रीन बेल्ट की हालत ये है कि नगर निगम को हेंडओवर लेने के बाद अपने क्षेत्र में आने वाले पार्कों पर खर्च होने वाले बजट का आधे से ज्यादा हिस्सा यहां लगाना पड़ रहा है। सीधे तौर पर कहा जा तो हालात ये हैं कि जीडीए ने इस इलाके का ख्याल नहीं रखा। निगम का दावा है कि वो 120 पार्कों की दशा सुधारने जा रहा है। इनमें आधे से ज्यादा पार्क इंदिरापुरम के हैं।
निगम का ये है दावा
निगम की मानें तो वो इंदिरापुरम के करीब 70 पार्कों की दशा सुधारने की कवायद कर रहा है। यहां चारदीवारी की मरम्मत से लेकर घास और पौधे लगाए जाएंगे। निगम अफसरों का कहना है कि यहां पार्कों की दीवारें टूटी हुई हैं। फुटपाथ बदहाल है। पेड़-पौधें ना के बराबर हैं। देख-रेख के अभाव में यहां विकास कार्य कराने बेहद जरूरी हैं। जबकि ग्रीन बेल्ट की हालत भी इस इलाके में बेहद खस्ता है।
निगम करेगा 70 पार्कों पर मोटा खर्च
हालाकि नगर निगम शहर के करीब 130 बदहाल पार्कों को विकसित करेगा। लेकिन इनमें 70 पार्क अकेले इंदिरापुरम क्षेत्र के हैं। ये वो पार्क हैं जो नगर निगम के सर्वे में सबसे ज्यादा खस्ताहाल मिले हैं। जाहिर है कि इनकी सूरत सुधारने के लिए नगर निगम को बजट का मोटा हिस्सा खर्च करना होगा। बाकायदा इसके लिए उद्यान विभाग ने कुछ पार्कों के विकास के लिए टेंडर खोलकर वर्क ऑर्डर जारी कर दिया है। उद्यान प्रभारी डॉ. अनुज सिंह ने बताया कि पाकों को विकसित करने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
ये होंगे काम
गाजियाबाद नगर निगम का उद्यान विभाग शहर के 120 बदहाल पार्कों को विकसित कराएगा। हालाकि पार्कों की देखरेख के लिए निगम के उद्यान विभाग के पास कागजों में लगभग 850 माली है। इनमें से अधिकांश की तैनाती या तो बड़े पाकों में है या फिर पार्षदों और सत्तारूढ़ दल के नेताओं के घरों के इर्दगिर्द। हकीकत ये है कि आम सोसायटीज और उनके आस-पास कालोनियों के पार्कों पर फोकस ही नहीं किया जाता। लेकिन अब ऐसे ही करीव 130 ऐसे पार्क चिह्नित किए गए हैं, जिनमें विकास कार्य कराने की जरूरत है। पार्कों की दीवार और फूटपाथ बदहाल हैं। अनदेखी के चलते पौधे सूख गए हैं। गेट टूटने से लावारिस पशु पाकों में घुस जाते हैं। पाकों में प्रकाश व्यवस्था का इंतजाम नहीं है, जो कराया जाएगा। कई पाकों में लाइट खराब होने से अंधेरा छाया रहता है। इससे असामाजिक तत्व भी पाकों में आकर बैठ जाते हैं। ये लोग पाकों में नशा भी करते हैं। प्रकाश व्यवस्था के बाद इस पर अंकुश लगेगा। कई जगह हरित पट्टी भी बदहाल है। उन पर जगह-जगह कूड़ा पड़ा रहता है। कई बार कूड़े में आग लगा दी जाती है। उद्यान विभाग सभी हरित पट्टी की मरम्मत कराएगा। हालांकि, उद्यान विभाग ने पहले भी हरित पट्टी पर काम करने की योजना बनाई थी, लेकिन योजना पर काम शुरू नहीं हो सका था।