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ग्रेटर गाजियाबाद
गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
गाजियाबाद के विकास को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के उद्देश्य से नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक के नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में गाजियाबाद नगर निगम के विस्तार और इसे ग्रेटर गाजियाबाद नगर निगम का स्वरूप देने पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में विशेष रूप से संपत्ति विभाग की टीम, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) रणविजय सिंह, प्रभारी संपत्ति पल्लवी सिंह सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
महत्वपूर्ण बैठक
बैठक के दौरान गाजियाबाद के विस्तार को लेकर नक्शे पर चर्चा की गई। इसमें बढ़ाए जाने वाले क्षेत्रफल का चिन्हीकरण करते हुए लोनी, खोडा, कई नगर पालिकाएं और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों को ग्रेटर गाजियाबाद नगर निगम में शामिल करने की योजना पर विचार हुआ। इस प्रक्रिया को गति देने के लिए संपत्ति विभाग की टीम और जिला प्रशासन आपसी समन्वय के साथ कार्य कर रहे हैं।
बुनियादी विकास
नगर आयुक्त ने बताया कि गाजियाबाद नगर निगम का यह विस्तार केवल भौगोलिक सीमा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इससे शहर के विकास की संभावनाएं भी कई गुना बढ़ जाएंगी। नए क्षेत्रों के जुड़ने से न केवल नगर निगम की जिम्मेदारियां बढ़ेंगी, बल्कि यहां रहने वाले नागरिकों को भी बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना प्रशासन की प्राथमिकता होगी। इसमें सड़क, सफाई, जलापूर्ति, पार्क, सीवर व्यवस्था और अन्य बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष जोर रहेगा।
ग्रेटर गाजियाबाद
ग्रेटर गाजियाबाद बनने की इस प्रक्रिया से कई लाभ होने की संभावना है। सबसे पहले, विस्तारित क्षेत्र में योजनाबद्ध तरीके से शहरी विकास होगा। दूसरा, नगर निगम को अधिक राजस्व प्राप्त होगा, जिससे शहर के विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से विकास कार्य हो सकेंगे। तीसरा, प्रशासनिक कार्यों में एकरूपता आने से फैसले लेने और लागू करने की प्रक्रिया सरल होगी। बैठक में यह भी तय हुआ कि इस विस्तार कार्य को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए सभी विभागों को आवश्यक पत्राचार और दस्तावेजी कार्रवाई तेजी से पूरी करनी होगी। शासन के निर्देशानुसार हर स्तर पर पारदर्शिता और समन्वय बनाए रखते हुए कार्य आगे बढ़ाया जाएगा।
रचनात्मक विकास
गाजियाबाद को ग्रेटर गाजियाबाद के रूप में विकसित करने की यह योजना केवल एक प्रशासनिक निर्णय नहीं है, बल्कि यह आने वाले समय में शहर के आर्थिक, सामाजिक और अवसंरचनात्मक विकास का आधार बनेगी। इसमें शामिल ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी सुविधाओं का लाभ मिलेगा, वहीं नगर निगम के पास अधिक संसाधन होंगे जिससे वह अपने विकास कार्यों को और मजबूती से अंजाम दे सकेगा।
कार्यवाही शुरू
नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने स्पष्ट किया कि यह परियोजना गाजियाबाद की पहचान और महत्ता को बढ़ाएगी। समय-समय पर योजनाएं बनाकर और सभी संबंधित विभागों के सहयोग से ग्रेटर गाजियाबाद की परिकल्पना को साकार किया जाएगा। प्रशासन का लक्ष्य है कि इस प्रक्रिया के पूर्ण होने के बाद गाजियाबाद न केवल NCR का एक प्रमुख शहर बने, बल्कि देश के विकसित नगरों की सूची में भी अपना स्थान मजबूत करे।
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