Dhruv Tyagi : छात्र पर जानलेवा हमला, त्यागी समाज हुआ आक्रोशित
आईएमएस कॉलेज के छात्र ध्रुव त्यागी पर हुए जानलेवा हमले ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। हमले के बाद अपराधियों की गिरफ्तारी न होने और पीड़ित परिवार को लगातार मिल रही धमकियों से आक्रोशित अखिल भारतीय त्यागी ब्राह्मण सभा के सदस्यों ने मंगलवार को पुलिस
आईएमएस कॉलेज के छात्र ध्रुव त्यागी पर हुए जानलेवा हमले ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। हमले के बाद अपराधियों की गिरफ्तारी न होने और पीड़ित परिवार को लगातार मिल रही धमकियों से आक्रोशित अखिल भारतीय त्यागी ब्राह्मण सभा के सदस्यों ने मंगलवार को पुलिस उपायुक्त कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। समाज ने पुलिस प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की।
डॉ बीपी त्यागी
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महत्वपूर्ण बैठक
प्रदर्शन के बाद हर्ष ईएनटी हॉस्पिटल में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में त्यागी समाज के लोग शामिल हुए। बैठक की अध्यक्षता कर रहे विश्व प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. विवेक त्यागी ने घटना को अत्यंत गंभीर बताया। उन्होंने कहा कि ध्रुव त्यागी पर पूरी योजना के तहत हमला किया गया, जिसमें उसकी हत्या करने की मंशा साफ झलकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि एफआईआर में गंभीर धाराओं को शामिल न करना न्याय के साथ खिलवाड़ है।
सोची समझी साज़िश
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डॉ. त्यागी ने जानकारी दी कि थाना वेव सिटी में ध्रुव त्यागी के भाई द्वारा मुकदमा अपराध संख्या: 0133 के तहत आलोक, सुमित और नकुल समेत कुछ अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। आरोप है कि इन लोगों ने मिलकर एक सोची-समझी साजिश के तहत ध्रुव त्यागी पर जानलेवा हमला किया। हमले में ध्रुव के सिर और नाजुक अंगों को निशाना बनाया गया। फिलहाल ध्रुव अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती है और जिंदगी-मौत से जूझ रहा है। चिकित्सक डॉ. त्यागी ने कहा कि इस घटना के बावजूद आरोपी खुलेआम धमकियां दे रहे हैं, जिससे पीड़ित परिवार भय के साए में जी रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि इस हमले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, लेकिन पुलिस प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया। केवल दिखावे के लिए मामूली धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
त्यागी समाज ने दी चेतावनी
त्यागी समाज ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया और एफआईआर में हत्या के प्रयास जैसी गंभीर धाराएं नहीं जोड़ी गईं, तो समाज व्यापक आंदोलन छेड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखना प्रशासन की जिम्मेदारी है और यदि वह इसमें असफल रहा तो समाज मजबूर होकर सड़क पर उतरने को बाध्य होगा।यह घटना न केवल एक छात्र पर हमला है, बल्कि कानून व्यवस्था पर भी सवालिया निशान खड़े करती है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मुद्दे पर कितनी संवेदनशीलता दिखाता है और दोषियों के खिलाफ क्या ठोस कदम उठाता है।
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