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Dictatorship: कम्यूनिटी सेंटरों का निजीकरण, लोगों में परेशानी

जीडीए के साथ साथ नगर निगम के द्वारा भी अधिकांश कम्युनिटी सेंटर निजी क्षेत्र के लोगों को लीज पर दिए जाने के साथ ही लोगों के सामने वैवाहिक आयोजन के स्थल को लेकर समस्या खडी हो गई है। लोगों में अब इस बात को लेकर गुस्सा बढ रहा है,जिन पार्कों को नगर निगम के....

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Syed Ali Mehndi
कम्युनिटी सेंटर विवाद

कम्युनिटी सेंटर विवाद

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गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता

जीडीए के साथ साथ नगर निगम के द्वारा भी अधिकांश कम्युनिटी सेंटर निजी क्षेत्र के लोगों को लीज पर दिए जाने के साथ ही लोगों के सामने वैवाहिक आयोजन के स्थल को लेकर समस्या खडी हो गई है। लोगों में अब इस बात को लेकर गुस्सा बढ रहा है,जिन पार्कों को नगर निगम के द्वारा हरा भरा करने के दावे किए जा रहे है,पार्कों में वैवाहिक कार्यक्रमआयोजित किए जा रहे है।दुर्भाग्य पूर्ण स्थिति ये है कि आयोजन के बाद गंदगी को पार्कों में ही छोड दिया जाता है।

निगम से लगाई गुहार 

वैशाली के लोगों ने निगम के उद्यान अधिकारी डा अनुज के सामने मुददे को उठाया है। डा सुनील वैध के द्वारा लेटर के माध्यम से खुलासा किया कि संज्ञान में लाया गया कि निगम की अनुमति के आधार पर पार्कों में वैवाहिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। निगम के लिखित एवं मौखिक आदेश पर पार्कों में होने वाले आयोजन का खामियाजा क्षेत्रके लोगों को भुगतना पड रहाहै। चूंकि आयोजन के बाद गंदगी को पार्कों में ही छोड दिया जाता है।देखा जाए तो जीडीए के द्वारा जो प्राधिकरण के द्वारा विकसित कालोनियों में कम्युनिटी सेंटर बनाए थे,उन्हें निजी क्षेत्र के लोगों को लीज पर दे दिया गया। 

पार्षद ने किया विरोध 

ज्यादातर कम्युनिटी सेंटर के स्वरूप को बदलते हुए किसी छोटे मोटे आयोजन के नाम पर एक बडी राशि की वसूली की जाती है। बहुत से कम्युनिटी सेंटर के आस-पास पार्किंग की भी सुविधा नहीं है। आयोजन के दौरान जाम की स्थिति पैदा होती है। नगर निगम के द्वारा भी होली चाइल्ड स्कूल से लगे कम्युनिटी सेंटर एवं कौशांबी कालोनी स्थित कम्युनिटी सेंटर को लीज पर दिए जाने का प्रस्ताव हाल में निगम सदन की बैठक के दौरान रखा गया,हालांकि कौशांबी की महिला पार्षद कुसुम गोयल के द्वारा कम्युनिटी सेंटर लीज पर दिए जाने के प्रस्ताव को विरोध दर्ज कराया गया। 

नियम की धज्जियाँ

जानकारों की मानें तो जीडीए के अधिकारी भी ये देखना उचित नहीं समझ रहे है कि जिन शर्तों के आधार परकम्युनिटी सेंटर लीज पर दिए गए,उनका पालन भी हो रहा है अथवा नहीं। जबकि ज्यादातर के द्वारा कम्युनिटी सेंटर के स्वरूप को ही बदल दिया गया है। हैरत का पहलू ये है कि निगम का उद्यान विभाग अब ग्रीन बेल्ट को शैक्षिक संस्थानों को लीज पर देने की तैयारी में जुटा है

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