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Digital India: डिजिटल इंडिया के अनुरूप बन रहा है कोर्ट परिसर

जिला कचहरी परिसर में आम जनता और अधिवक्ताओं की सुविधा के लिए एक अत्याधुनिक ई-सुविधा केंद्र का निर्माण तेजी से पूर्णता की ओर अग्रसर है। इस केंद्र का उद्देश्य न्यायिक प्रक्रिया को अधिक सुलभ, पारदर्शी और डिजिटल बनाना है, जिससे लोगों को अपने दस्तावेजों की

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Syed Ali Mehndi
जिला न्यायलय

गाजियाबाद जिला न्यायालय

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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता 

जिला कचहरी परिसर में आम जनता और अधिवक्ताओं की सुविधा के लिए एक अत्याधुनिक ई-सुविधा केंद्र का निर्माण तेजी से पूर्णता की ओर अग्रसर है। इस केंद्र का उद्देश्य न्यायिक प्रक्रिया को अधिक सुलभ, पारदर्शी और डिजिटल बनाना है, जिससे लोगों को अपने दस्तावेजों की फाइलिंग, स्कैनिंग और अन्य आवश्यक प्रक्रियाओं में आसानी हो सके।

पोटा केबिन का निर्माण  

इस सुविधा केंद्र के लिए पोटा केबिन का निर्माण कार्य पहले ही पूरा किया जा चुका है। अब यह केंद्र अपने संचालन की अंतिम तैयारियों में है और नए जनपद न्यायाधीश के कार्यभार ग्रहण करने के बाद इसका औपचारिक उद्घाटन किया जाएगा। यह केंद्र हाई कोर्ट की प्रत्यक्ष निगरानी में स्थापित किया जा रहा है और इसके निर्माण तथा संचालन की जिम्मेदारी मुंबई की एक विशेषज्ञ एजेंसी को सौंपी गई है, जिससे कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके।

साबित होगा उपयोगी

प्रारंभिक चरण में इस केंद्र में एक कंप्यूटर और एक स्कैनर की व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त दो प्रशिक्षित स्टाफ सदस्य नियुक्त किए गए हैं जो आने वाले व्यक्तियों की सहायता करेंगे। यह केंद्र न केवल अधिवक्ताओं के लिए उपयोगी सिद्ध होगा, बल्कि आम नागरिक भी इसके माध्यम से अपनी शिकायतों और याचिकाओं को आसानी से दायर कर सकेंगे।

सरल ई-फाइलिंग

ई-फाइलिंग की प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाने के लिए कुछ आवश्यक दस्तावेजों को अनिवार्य किया गया है। कोई भी व्यक्ति जब ई-फाइलिंग हेतु इस केंद्र पर आएगा, तो उसे आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, डिजिटल हस्ताक्षर तथा शपथ पत्र साथ लाना अनिवार्य होगा। इन दस्तावेजों के सत्यापन के बाद संबंधित पक्ष की जानकारी दर्ज कर एक यूनिक फाइल नंबर जारी किया जाएगा, जो आगे की न्यायिक प्रक्रिया में प्रयोग होगा।

डिजिटल न्यायिक प्रक्रिया

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यह सुविधा केंद्र न केवल न्यायिक प्रक्रिया को डिजिटल रूप देने की दिशा में एक अहम कदम है, बल्कि यह न्यायिक प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही को भी बढ़ावा देगा। इससे जिला न्यायालय में कार्यरत अधिवक्ताओं, वादकारियों और अन्य आम नागरिकों को अत्यधिक सुविधा प्राप्त होगी। डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो रही है।

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