गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता।
गाजियाबाद की तहसील बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों और तहसीलदार के बीच हुई नोंकझोक के बाद वकीलों ने कामकाज ठप कर धरना शुरू कर दिया। उच्चाधिकारियों के हस्तक्षेप पर घंटों हंगामे के बाद मामला दो कर्मचारियों के खिलाफ जांच के आदेश देने और तहसीलदार के भूल स्वीकारने पर शांत हुआ।
वकीलों के मुताबिक ये था मामला
तहसील बार एसोसिएशन के मुताबिक तहसीलदार गाजियाबाद से अध्यक्ष लोमेश कुमार भाटी और सचिव संजय कुमार यादव तहसील संबंधित कार्यों में हो रहे विलम्ब को लेकर वार्ता करने गये थे। आरोप है कि जिसमें तहसीलदार का व्यवहार अच्छा नहीं था। उन्होंने असभ्य भाषा का प्रयोग करते हुए कहा कि मै तहसीलदारी छोड़ दूंगा । लेकिन अपने तरीके से ही काम करूँगा । इस घटना के बाद तहसीलदार गाजियाबाद के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया गया।
तहसीलदार-नायब तहसीलदार किए बंद
तहसील बार एसोसिएशन के मुताबिक धरना प्रदर्शन के वक्त तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार को उन्हीं के कार्यालय में से सम्मान बंद किया गया । धरना उग्र होता देखकर एसडीम अरूण दीक्षित मौके पर आए और वकीलों के बीच नीचे बैठ गए।
एसडीएम ने समझाया, तब माने अधिवक्ता
एसडीएम ने अधिवक्ताओं की बात सुनी और बार अध्यक्ष-सचिव द्वारा रखी गई बातों का सम्मान रखते हुए लेखपाल रामवीर सिंह बिरदी एवं लेखपाल मनोज चौधरी को तत्काल प्रभाव से अपने कार्यालय से अटैच कर दिया। एक प्राइवेट लड़का संजय जो ऑफिस में था उसको हटाने का आदेश दिया।
वकीलों का दावा-तहसीलदार ने मांगी माफी
बार एसोसिएशन की ओर से बताया गया कि मामले को लेकर तहसीलदार ने सार्वजनिक रूप से हाथ जोड़कर माफी मांगी। तब धरना समापन की घोषणा की। गई
एसडीएम बोले- विवाद का हो गया समाधान
विवाद को लेकर एसडीएम सदर अरुण दीक्नेषित ने कहा कि विवाद हुआ था। उसे बातचीत से हल कर दिया गया है जबकि दो कर्मचारियों को कार्यालय से अटैच कर उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने तहसीलदार के हाथ जोड़कर माफी मांगे जाने की घटना से इंकार किया।
धरने में ये रहे मौजूद
धरने में उपस्थित पूर्व अध्यक्ष श्री राजकुमार शर्मा एडवोकेट पूर्व सचिव श्री ब्रह्मपाल सिंह वीरभान पूर्व सचिव विकास त्यागी एडवोकेट पूर्व अध्यक्ष श्री अशोक कुमार वर्मा एडवोकेट शैलेंद्र त्यागी एडवोकेट पूर्व अध्यक्ष श्री रमेश चंद्र यादव एडवोकेट सत्येंद्र कपिल यादव एडवोकेट आदि काफी संख्या में अधिवक्ता मौजूद थे!