Advertisment

Disregard for Government Orders: ये जिला गाजियाबाद है, यहां कैसे सीएम के फरमान?, प्रशासन को भी फिक्र नहीं

देश की राजधानी से सजा जिला गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट बनने के बाद भले ही कितना यातायात नियमों को फॉलो करने लगा हो। मगर, सरकारी मशीनरी की अनदेखी के चलते यहां सरकार के कायदे-कानूनों पर अमल हो ही नहीं पाता। हेल्मेट नहीं तो तेल नहीं नियम को ही देख लीजिए।

author-image
Rahul Sharma
GHAZIABAD fuel-2

गाजियाबाद में सीएम योगी के आदेशों को दरकिनार कर बगैर हेल्मेट वाहन चालकों को तेल देते पंपकर्मी। फोटो सुनील पंवार।

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

गाजियाबाद, चीफ रिपोर्टर।

Advertisment

यूपी में हर साल सड़क हादसों में बगैर हेलमेट वाहन चलाने वाले 25 से 26 हजार लोगों की सड़क हादसे में मौत होती है। इसी पर लगाम लगाने के लिए बीती आठ जनवरी को परिवहन विभाग ने एडवाइजरी जारी की थी। पेट्रोल पंप संचालकों को निर्देशित किया था कि बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चालकों को पेट्रोल नहीं दें। लेकिन करीब दो महीने बाद भी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में इस पर अमल नहीं हो रहा। 

ये हैं गाजियाबाद के हालात

GHAZIABAD fuel-4

Advertisment

यूं तो जिले के हर पेरर्टोल पंप पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। मगर, सरकारी नियमों की नाफरमानी पेट्रोल पंप संचालन करने में अहम रोल निभाने वाले लोगों के साथ-साथ कर्मचारियों को भी नहीं दिख रही है। इक्का-दुक्का पेट्रोल पंपों को छोड़ दें तो सभी पर बगैर हेलमेट वाहन लेकर आने वाले चालकों को पेट्रोल की बिक्री हो रही है।

ये एडवाइजरी हुई थी जारी

परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने आठ जनवरी को एक पत्र जारी किया था। इसमें पूरे उत्तर प्रदेश के पेट्रोल पंप संचालकों को निर्देश दिया था कि वह बिना हेलमेट पेट्रोल न दें। या फिर उनके साथ बैठे युवक ने हेलमेट न लगाया हो तब भी। लेकिन तस्वीरें झूठ नहीं बोलती। जो तस्वीरें हम दिखा रहे हैं वो गाजियाबाद के पेट्रोल पंपों की हैं। आप देख सकते हैं कि सरकारी आदेशों की किस तरह से अनदेखी हो रही है।

Advertisment

सरकारी अफसर भी भूल गए, डीएम साहब याद दिलाओ

सभी जिलों के जिलाधिकारियों और संभागीय आयुक्तों को परिवहन आयुक्त का यह पत्र भेजा गया था। मकसद ये था कि इसे तत्काल लागू करने के साथ-साथ होने वाले हादसों को रोका जाए। लेकिन तस्वीरें बता रही हैं कि पेट्रोल पंप पर कार्यरत कर्मचारियों के साथ-साथ जिम्मेदार तो भूले ही अफसरों ने भी बेपरवाही कर दी। नतीजा आप देख ही रहे हैं। 

यंग भारत रोज करेगा तस्वीरें साझा, ताकि अमल हो

Advertisment

GHAZIABAD fuel-3

यंग भारत सरकार की इस सकारात्मक कोशिश को जिले में शत -प्रतिशत अमल में लाने पर तब तक काम करेगा, जब तक कि अफसरों के साथ-साथ पेट्रोल पंप के कर्मचारी और जिम्मेदारों के साथ-साथ अफसर भी इस आदेश-निर्देश को लेकर गंभीर न हो जाएं। हमारा मकसद सिर्फ हादसों में बगैर हेल्मेट जाने वाली जान की संख्या घटाना है, जो उच्चाधिकारियों की मकसद है।

हर साल 25-26 हजार लोगों की जान जाती है

GHAZIABAD fuel-1

परिवहन आयुक्त की तरफ से जारी पत्र में कहा गया था कि राज्य में सड़क सुरक्षा उपायों की समीक्षा की गई थी। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा जारी निर्देशों को भी बताया गया था। जिसमें मुख्यमंत्री ने कहा था कि राज्य में हर साल सड़क दुर्घटनाओं के कारण 25-26 हजार लोगों की जान जाती है। इसमें कहा कि हेलमेट न पहनने से काफी मौतें होती हैं। इस नीति का उद्देश्य लोगों की जान बचाना और सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

जागरुकता अभियान चलाया जाना चाहिए

परिवहन आयुक्त ने कहा था कि यह पहल 2019 में गौतमबुद्ध नगर में पहले भी शुरू की गई थी। लेकिन, इसे छिटपुट रूप से ही लागू किया गया था। अब इसे सभी जिलों में सख्ती से लागू करना है। परिवहन आयुक्त ने कहा था कि 'सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का उपयोग करके जागरुकता अभियान चलाया जाना चाहिए। लेकिन देखिए कि अफसर भी भूले और पेट्रोल पंप कर्मी और वहां के जिम्मेदार भी। 

Advertisment
Advertisment