गाजियाबाद, चीफ रिपोर्टर।
नवाबों के शहर कहे जाने वाले लखनऊ में आप-आप कहकर खास हो या आम सबको संबोधित किया जाता है। मगर, हरियाणा से सटे वेस्टर्न यूपी के गाजियाबाद में (UP POLICE) इसी तहजीब को खाकी वालों पर लागू करने की पहल की जा रही है। यदि ये प्रयास सार्थक रहा तो अबे-तबे, तू-तड़ाक या अन्य अमर्यादित तरीकों से लोगों को संबोधित करने वाले खाकी वाले खास हो या आम सबको आप-आप कहते दिखाई देंगे। पुलिसकर्मियों के व्यवहार और बोलचाल में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए नये पुलिस कमिश्नर ने शिष्टाचार संवाद नीति निर्धारित की है।
ये है मकसद
(GHAZIABAD LATEST NEWS) पुलिस कमिश्नर जे.रविंदर गौड़ के मुताबिक कमिश्नरेट गाजियाबाद में नियुक्त पुलिस कार्मिकों के लिए ‘शिष्टाचार संवाद नीति’ लागू की गई है। जिसका मकसद तमाम अधीनस्थ पुलिस अधिकारियों / कर्मचारियों द्वारा आम जनमानस के साथ की जा रही अभद्र व्यवहार की घटनाओं के प्रकाश में आने के मद्देनजर किया गया है। ताकि पुलिसकर्मियों को लेकर आम हो या खास उनकी सोच में बदलाव आ सके और पुलिसकर्मियों के व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लाए जा सकें।
खाकी वालों की बोलचाल में ये होगा बदलाव
नई शिष्टाचार संवाद नीति केे तहत अब पुलिसकर्मी आक्रामकता और व्यंग्य से बचते हुए, शांत और संयमित तरीके से, जनता के साथ व्यवहार करेंगे। "तुम" या "तू" के स्थान पर "आप" का प्रयोग किया जायेगा। किसी भी दशा में "तुम" अथवा "तू' का प्रयोग नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं।
इनके साथ धेर्यपूर्ण रहेगा व्यवहार
नई नीति के तहत निर्देश दिए गए हैं कि महिलाओं, बच्चों, दिव्यांग जन, वरिष्ठ नागरिक एवं ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के साथ सद्व्यवहार किया जाये। उन्हें धैर्यपूर्वक सुना जाये व उन्हें उनके कानूनी अधिकारों के बारे में अवगत भी कराया जाए। विकलांग पुरुष / महिला को "दिव्यांग जन" ही बोला जाये।
महिलाओं की गोपनीयता का रखें ख्याल
महिलाओं की समस्याओं को महिला पुलिसकर्मी द्वारा महिला हेल्प डेस्क पर ही सुना जाये और उनका नियमानुसार यथासम्भव निस्तारण किया जाये। महिला वादी/पीड़िता की गोपनीयता भंग न हो।
चौकी-थानों में बच्चों को चॉकलेट भी मिलेगी
सी.यू.जी./ व्यक्तिगत मोबाइल फोन पर अच्छी भाषा का इस्तेमाल किया जाये। अपमानजनक या असंसदीय भाषा का प्रयोग नहीं किया जाएगा। थाना, चौकी एवं कार्यालयों में आगुन्तकों के बैठने के लिये पर्याप्त कुर्सियों की व्यवस्था की जाये। आगंतुकों के लिए जल तथा बच्चों के लिए टॉफी/चॉकलेट की यथासम्भव व्यवस्था की जाये।
नाम से पहले श्री बाद में जी बोलना अनिवार्य
आवेदक का नाम बोलते समय सम्बन्धित के नाम के अन्त में “जी" का प्रयोग किया जाये (यथा- श्री सुरेश कुमार जी आदि)। प्रार्थना पत्रों की जाँच आख्या में "आवेदक प्रार्थना पत्र देने का आदी हैं अथवा आदतन प्रार्थना पत्र देता है” जैसे शब्दों को कदापि अंकित न किया जाये । जातिगत / धर्मगत बातों के संबंध में संवेदनशीलता बरती जाए।
अब नहीं काटने होंगे थाने-चौकी के चक्कर
किसी भी थाना/चौकी के गेट से किसी व्यक्ति को भगाया नहीं जायेगा। आगंतुकों के प्रति सहयोगात्मक रवैया अपनाया जाएगा। कोई व्यक्ति थाने आता है तो उसे चौकी पर नहीं भेजा जायेगा। उसकी समस्या का समाधान नियमानुसार थाने पर ही किया जाएगा।
मुल्जिमों की जगह कार्यालय नहीं हवालात होगी
किसी घटना के घटित होने पर तत्काल एफ.आई.आर. पंजीकृत की जाये। पीड़ित व्यक्ति को अनावश्यक नहीं बैठाया जाये। मुलजिम को थाना कार्यालय में न बिठाया जाए हवालात में ही बिठाया जाए ।
महिलाओं का शोषण हुआ तो खैर नहीं
किसी भी महिला को सूर्यास्त के बाद थाने पर नहीं बुलाया जायेगा। पीड़ित/पीड़िता की समस्त जानकारी गोपनीय रखी जायेगी। किसी भी कार्य के लिए किसी भी प्रकार की अनुचित माँग अथवा शोषण / मानसिक शोषण न किया जाये।
साफ-सफाई का रखें ख्याल
थाना परिसर/पुलिस लाइन्स/ कार्यालयों की साफ-सफाई रखी जाये। किसी भी स्थान पर कहीं भी दीवारों पर पान-गुटखा खाकर थूका न जाय और गंदगी न की जाये। अभियुक्तों को जब प्रेस कान्फ्रेंस के लिये लाया जाये, तो उसे मास्क पहनाने की व्यवस्था अवश्य की जाये ।
रीलबाज खाकी वालों की खैर नहीं
वर्तमान में मुख्य आरक्षी /आरक्षियों द्वारा सोशल मीडिया पर रील बनाकर वायरल करने का चलन अधिक बढ़ गया है तथा यह मुख्यालय पुलिस महानिदेशक के निर्देशों का उल्लंघन है। अतः इस पर नियंत्रण की आवश्यकता है। यह भी देखा जा रहा है कि यदि किसी अधिकारी / कर्मचारी को कोई समस्या है तो वह अपना बयान सोशल, मीडिया पर वरिष्ठ अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए वायरल करता है। यह कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन है।
संतरी ने डयूटी पर फोन चलाया तो एक्शन
संतरी ड्यूटी के दौरान मोबाइल फोन, ब्लूटूथ, लीड, ईयरफोन का इस्तेमाल न किया जाये। यदि कोई संतरी डयूटी के दौरान पुलिसकर्मी ऐसा करता मिलेगा तो उस पर कार्रवाई होगी।
चिट्ठी मजरूबी भी मिलेगी तुरंत
पुलिस कमिश्नर ने नई नीति के तहत निर्देश दिए हैं कि मजरूब (चौटील) का चिकित्सीय परीक्षण कराने के लिए तत्काल चिट्ठी मजरूबी देकर आरक्षी के साथ निर्धारित प्रारूप में रवाना किया जाये। यदि ऐसा नहीं किया जाएगा, तो कार्रवाई होगी।
वर्दी में बेअदबी मिली तो एक्शन
कोई कर्मचारी बिना नेमप्लेट या कैप के नहीं दिखें। सभी पुलिस कर्मी अपनी वर्दी पर नेमप्लेट व सिर पर कैप अवश्य लगायेंगे। निर्धारित वर्दी ही धारण करेंगे। ऐसा नहीं करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई होगी।
शिकायत के लिए जारी किए नंबर
यदि किसी पुलिस कर्मचारी द्वारा अभद्रता/बदतमीजी की जाती है तो उनका ऑडियो/वीडियों नीचे दिये हुए मोबाइल नम्बरों पर भेजा जा सकता है :-
पुलिस आयुक्त, गाजियाबाद- 9643322900
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, मुख्यालय – 9643323700
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, अपराध एवं कानून व्यवस्था- 9643320500
डीसीपी, मुख्यालय – 9643321010
डीसीपी, नगर जोन – 9643322901
डीसीपी, ट्रांस हिंडन जोन- 9643322903
डीसीपी, ग्रामीण जोन – 9643322902
एडीसीपी, यातायात - 9643322897