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फाइल फोटो
गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
दिल्ली-एनसीआर के गाजियाबाद में आवारा और पालतू कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ रहा है। आए दिन पालतू कुत्तों के हमलों की घटनाएं सामने आ रही हैं। हाल ही में कई मामलों में बच्चों और महिलाओं पर पालतू कुत्तों ने हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया। इन घटनाओं को देखते हुए गाजियाबाद नगर निगम ने अब विशेष अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है।
रजिस्ट्रेशन आवश्यक
नगर निगम का कहना है कि शहर में बिना रजिस्ट्रेशन के पाले जा रहे कुत्तों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उप मुख्य पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डॉ. अनुज सिंह ने बताया कि गाजियाबाद नगर निगम क्षेत्र में अब तक केवल 8000 पालतू कुत्तों का ही रजिस्ट्रेशन हुआ है, जबकि वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक है। अभियान के जरिए नगर निगम का उद्देश्य है कि सभी पालतू कुत्ते पंजीकृत हों और नियमों का पालन सुनिश्चित हो सके।
प्रक्रिया बेहद सरल
पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन इसलिए जरूरी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनका टीकाकरण समय पर हुआ है। रजिस्ट्रेशन के लिए पेट ओनर को टीकाकरण प्रमाणपत्र और ₹1000 शुल्क जमा करना होता है। यह प्रक्रिया बेहद सरल है और नगर निगम की मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से घर बैठे भी पूरी की जा सकती है।नगर निगम की टीमें अब सोसायटियों में जाकर यह जांच करेंगी कि कौन से कुत्ते रजिस्टर्ड हैं और कौन से नहीं। इसके लिए अपार्टमेंट ओनर एसोसिएशन और आरडब्ल्यूए की मदद ली जाएगी। बिना पंजीकरण के पालतू कुत्ते पालने पर उनके मालिक पर जुर्माना लगाया जाएगा।
घटनाओं का संज्ञान
गाजियाबाद में हाल ही में इंदिरापुरम की अम्रपाली विलेज सोसायटी और अन्य कॉलोनियों में पालतू कुत्तों के हमले की घटनाएं हुईं। एक मामले में पिटबुल ने बच्चे को बुरी तरह घायल कर दिया था, जिसके चेहरे पर सौ से अधिक टांके लगे। दूसरी घटना में एक महिला पर लिफ्ट के अंदर कुत्ते ने हमला कर गहरे घाव कर दिए।ऐसी घटनाओं को रोकने और पालतू जानवरों की देखभाल के लिए नगर निगम ने यह कदम उठाया है। अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान केवल कार्रवाई के लिए नहीं बल्कि जागरूकता बढ़ाने के लिए भी है। यदि सभी लोग नियमों का पालन करेंगे तो ऐसी घटनाओं की रोकथाम संभव है।नगर निगम का यह प्रयास शहर में कुत्तों के हमले की घटनाओं पर नियंत्रण करने और लोगों को सुरक्षित माहौल देने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।