गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
भारत सरकार द्वारा प्रारंभ किया गया 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान एक ऐसी अभिनव पहल है, जो पर्यावरण संरक्षण को भावनात्मक जुड़ाव के माध्यम से समाज से जोड़ने का कार्य कर रही है। यह अभियान 21 से 23 मई 2025 तक पूरे देश में चलाया जा रहा है, जिसमें लोगों से अपील की जा रही है कि वे अपनी मां के नाम पर एक पेड़ लगाएं। इस कार्य से न केवल पर्यावरण को लाभ मिलेगा, बल्कि लोगों में वृक्षों के प्रति आत्मीयता और जिम्मेदारी का भाव भी जागृत होगा।
पूरा सरकारी अमला है एकजुट
गाजियाबाद जिले में इस अभियान के अंतर्गत डूडा विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, नगर निगम तथा नगर पालिका परिषदों के अधिकारी और कर्मचारी, स्वयं सहायता समूह की महिलाएं सक्रिय भागीदारी निभा रही हैं। ये समूह चिन्हित पार्कों, एस०टी०पी०, डब्ल्यू०टी०पी० और एफ०एस०टी०पी० आदि स्थलों पर भ्रमण कर रहे हैं, जहां वृक्षारोपण के लिए उपयुक्त स्थानों का निरीक्षण किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में महिलाएं बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं, जिससे यह साबित होता है कि सामाजिक बदलाव में महिलाओं की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है। एक पेड़ मां के नाम' अभियान डे-एनयूएलएम और अमृत 2.0 योजना के संयुक्त तत्वावधान में संचालित हो रहा है। इस पहल के माध्यम से गाजियाबाद नगर निगम, लोनी, मोदीनगर और मुरादनगर की नगरपालिका परिषदों के अंतर्गत आने वाले जल निकायों, पार्कों और जलशोधन संयंत्रों में वृक्षारोपण की तैयारी की जा रही है। यह अभियान तीन दिनों तक चलेगा, परंतु इसका प्रभाव दीर्घकालिक होगा।
जागरूकता अभियान
इस योजना का प्रमुख उद्देश्य आमजन को पेड़ों के महत्व के प्रति जागरूक करना है। वृक्ष न केवल पर्यावरण को शुद्ध करते हैं, बल्कि जलवायु परिवर्तन के खतरे को भी कम करते हैं। इस अभियान के माध्यम से लोगों को यह समझाने की कोशिश की जा रही है कि एक पेड़ लगाने का अर्थ केवल हरियाली बढ़ाना नहीं, बल्कि भावनात्मक स्तर पर पर्यावरण से जुड़ाव बढ़ाना भी है। एक पेड़ मां के नाम' एक ऐसा अभियान बनकर उभरा है जो संवेदनाओं और सामाजिक जिम्मेदारी को एक सूत्र में पिरोता है। यह केवल वृक्षारोपण नहीं, बल्कि मां के प्रति श्रद्धा और धरती माता के प्रति कर्तव्यबोध का प्रतीक भी है। उम्मीद है कि इस तरह की पहलें आगे भी निरंतर चलती रहेंगी और समाज को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सशक्त बनाएंगी।