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Drug addicted : यह कफ सिरप नशेड़ियों की पहली पसंद..

आजकल युवाओं में नशे की लत एक गंभीर सामाजिक और स्वास्थ्य समस्या बनती जा रही है। इस लत को बढ़ावा देने में कुछ दवाइयों की बड़ी भूमिका है, जिनमें कोडिस्टार सिरप का नाम प्रमुखता से सामने आ रहा है। कोडिस्टार मूल रूप से खांसी और सर्दी के इलाज के लिए दी जाने

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Syed Ali Mehndi
कफ सिरप

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गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता

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आजकल युवाओं में नशे की लत एक गंभीर सामाजिक और स्वास्थ्य समस्या बनती जा रही है। इस लत को बढ़ावा देने में कुछ दवाइयों की बड़ी भूमिका है, जिनमें कोरक्स सिरप का नाम प्रमुखता से सामने आ रहा है। कोरक्स मूल रूप से खांसी और सर्दी के इलाज के लिए दी जाने वाली एक दवा है, लेकिन इसमें कोडीन (Codeine) नामक घटक होता है जो मस्तिष्क पर असर डालता है और अधिक मात्रा में लेने पर नशे का अनुभव देता है। यही कारण है कि यह दवा नशेड़ियों की पहली पसंद बन गई है।

डॉक्टर प्रिसक्रिप्शन 

हालांकि सरकार ने कोडिस्टार सिरप को नियंत्रित दवाओं की सूची में डाल दिया है और इसके बिना डॉक्टर की पर्ची के इसे बेचना मना है, फिर भी यह सिरप खुलेआम मेडिकल स्टोर्स पर बिक रहा है। यह न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि समाज के लिए भी एक गंभीर खतरा है। डॉ. अरविंद शर्मा, जो एक वरिष्ठ चिकित्सक हैं, ने इस विषय पर चिंता जताते हुए कहा कि “कोडिस्टार जैसे सिरप बेहद खतरनाक हो सकते हैं और इनका दुरुपयोग जानलेवा साबित हो सकता है। यह बहुत आवश्यक है कि प्रशासन और समाज दोनों इस विषय में सतर्क रहें।” उन्होंने आगे कहा कि यदि इस पर तुरंत और प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई, तो यह युवा पीढ़ी को अंधकार की ओर धकेल सकता है।

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लिवर किडनी पर असर

अक्सर देखा गया है कि स्कूल-कॉलेज के छात्र इस सिरप का सेवन नशे के रूप में करने लगते हैं। एक बार इसकी लत लग जाने पर व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से निर्भर हो जाता है। यह न केवल उसकी सेहत को नुकसान पहुँचाता है, बल्कि उसका सामाजिक और शैक्षिक जीवन भी प्रभावित होता है। कोडीन युक्त सिरप लंबे समय तक सेवन करने पर लीवर, किडनी और न्यूरोलॉजिकल सिस्टम पर बुरा असर डाल सकता है।सवाल यह उठता है कि जब यह दवा प्रतिबंधित है और बिना डॉक्टर के पर्चे के नहीं दी जा सकती, तो फिर यह खुलेआम बाजार में कैसे बिक रही है? इसका सीधा उत्तर है – लापरवाही और भ्रष्टाचार। कई बार मेडिकल स्टोर्स बिना किसी पर्ची के पैसे के लालच में यह सिरप बेच देते हैं, और स्थानीय प्रशासन की ओर से इस पर कोई सख्त निगरानी नहीं होती।

ठोस कदम आवश्यक 

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समस्या की गंभीरता को देखते हुए ज़रूरत है कि सरकार, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस प्रशासन और समाज मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाएं। मेडिकल दुकानों की नियमित जांच होनी चाहिए और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। स्कूल और कॉलेजों में नशा मुक्ति जागरूकता अभियान चलाकर युवाओं को इसके खतरों से अवगत कराया जाना चाहिए। अंततः, कोडिस्टार जैसे सिरप का दुरुपयोग एक गंभीर चेतावनी है जो हमें बताती है कि हमें तत्काल और कठोर कदम उठाने होंगे। यदि आज हमने इसकी अनदेखी की, तो कल हमें इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

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