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Education : गाजियाबाद में शुरू हुई भारत-आइसलैंड सहयोग की नई शुरुआत

साहिबाबाद स्थित इन्द्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कॉलेज (आईपीईसी) और इंडो-आइसलैंडिक बिजनेस एसोसिएशन (आईआईबीए) के बीच शैक्षिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग को लेकर एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ है। दोनों संस्थानों के प्रतिनिधियों ने एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर

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Syed Ali Mehndi
कार्यक्रम आयोजित

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गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता

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साहिबाबाद स्थित इन्द्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कॉलेज (आईपीईसी) और इंडो-आइसलैंडिक बिजनेस एसोसिएशन (आईआईबीए) के बीच शैक्षिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग को लेकर एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ है। दोनों संस्थानों के प्रतिनिधियों ने एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए, जो भारत और आइसलैंड के बीच द्विपक्षीय संबंधों को एक नई दिशा देगा।

सहयोग की रणनीति 

इस एमओयू पर आईपीईसी की ओर से वाइस चेयरमैन पुनीत अग्रवाल और आईआईबीए की ओर से चेयरमैन प्रसून दीवान ने हस्ताक्षर किए। इस समझौते के अंतर्गत शिक्षा, तकनीक, नवाचार, कृषि और कंप्यूटर विज्ञान जैसे क्षेत्रों में आपसी सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। छात्रों और शिक्षकों के आदान-प्रदान कार्यक्रमों, संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं, रोजगार के अवसरों तथा उच्च शिक्षा में साझेदारी जैसे अनेक आयामों पर कार्य किया जाएगा।

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विदेश मंत्रालय से मान्यता

आईआईबीए के चेयरमैन प्रसून दीवान ने इस मौके पर बताया कि उनका संगठन भारत के विदेश मंत्रालय और आइसलैंड सरकार दोनों से मान्यता प्राप्त है। यह साझेदारी भारत और आइसलैंड के बीच सहयोग को न केवल शैक्षिक दृष्टि से बल्कि तकनीकी और सांस्कृतिक रूप से भी समृद्ध बनाएगी। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि आईपीईसी के साथ मिलकर गुणवत्ता-आधारित वैश्विक कार्यक्रम लागू किए जाएंगे, जिससे छात्रों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रतिस्पर्धी बनाया जा सकेगा।

विद्यार्थियों को अंतरराष्ट्रीय अनुभव 

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समझौते से आईपीईसी के छात्रों और संकाय सदस्यों को अंतरराष्ट्रीय अनुभव और वैश्विक एक्सपोजर मिलेगा, जो उन्हें आधुनिक शोध, नवाचार और तकनीकी विकास के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा। इस महत्वपूर्ण अवसर पर कॉलेज के निदेशक डॉ. अजय कुमार, वाइस प्रेसीडेंट (अंतर्राष्ट्रीय संबंध) विभूति शंकर, आईआईबीए से वत्सल मेहरिश तथा अन्य वरिष्ठ शिक्षकगण भी उपस्थित रहे। यह समझौता भारत और आइसलैंड के बीच शैक्षिक तथा सांस्कृतिक पुल का कार्य करेगा और आने वाले वर्षों में दोनों देशों के युवाओं को लाभान्वित करेगा।

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