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Education : राजकीय पॉलीटेक्निक शुरू होंगे 6 माह के कौशल विकास कोर्स

राजकीय पॉलीटेक्निक गाजियाबाद में युवाओं और बेरोजगारों के लिए सुनहरा अवसर उपलब्ध हो रहा है। यहां 1 अक्टूबर से छह माह अवधि के विभिन्न अल्पकालिक कोर्सों का नया सत्र शुरू होने जा रहा है। इन कोर्सों में कटिंग-टेलरिंग, हाउस वायरिंग, वेल्डिंग एंड फेब्रिकेशन

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Syed Ali Mehndi
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राजकीय पॉलीटेक्निक गाजियाबाद

गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता 

राजकीय पॉलीटेक्निक गाजियाबाद में युवाओं और बेरोजगारों के लिए सुनहरा अवसर उपलब्ध हो रहा है। यहां 1 अक्टूबर से छह माह अवधि के विभिन्न अल्पकालिक कोर्सों का नया सत्र शुरू होने जा रहा है। इन कोर्सों में कटिंग-टेलरिंग, हाउस वायरिंग, वेल्डिंग एंड फेब्रिकेशन, फिटिंग, प्लंबिंग, कंप्यूटर ऑपरेटर, डाटा एंट्री, हिंदी व इंग्लिश टाइपिंग, ऑटोकैड, सर्वेंट रॉक मैन एसएनए जैसे विषय शामिल हैं।

पॉलीटेक्निक में चल रही है तैयारी

संस्था के प्रधानाचार्य डॉ. ज्ञान बाग लोनी ने जानकारी दी कि सभी कोर्सों के लिए प्रशिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया भी चल रही है। पहले प्रशिक्षकों के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 30 सितंबर तय की गई थी, लेकिन आवेदकों की संख्या अपेक्षाकृत कम आने के कारण यह तिथि बढ़ाकर 3 अक्टूबर कर दी गई है। इसके तहत एक-एक पद पर स्थायी प्रशिक्षकों के चयन के साथ-साथ गेस्ट ट्रेनर के रूप में आठ नए पदों पर भी नियुक्ति की जाएगी।

रोजगारपरक कौशल 

गौरतलब है कि पॉलीटेक्निक कॉलेज द्वारा शुरू किए जा रहे ये कोर्स युवाओं को रोजगारपरक कौशल प्रदान करने में सहायक साबित होंगे। आज के समय में हाउस वायरिंग, वेल्डिंग, प्लंबिंग जैसे कार्यों की बाजार में लगातार मांग है। वहीं कंप्यूटर ऑपरेटर, डाटा एंट्री और टाइपिंग के क्षेत्र में भी बड़ी संख्या में रोजगार उपलब्ध हैं। इसी तरह ऑटोकैड जैसे तकनीकी कोर्स इंजीनियरिंग और डिजाइनिंग सेक्टर में करियर बनाने वाले युवाओं के लिए लाभकारी होंगे।

स्वरोजगार के अवसर 

संस्थान प्रशासन का कहना है कि इन कोर्सों में प्रवेश लेने वाले युवाओं को ट्रेनिंग पूरी होने के बाद प्रमाणपत्र भी प्रदान किया जाएगा, जिससे उन्हें उद्योगों व निजी कंपनियों में नौकरी पाने में आसानी होगी। इसके अलावा जो छात्र स्वरोजगार करना चाहते हैं, वे इस प्रशिक्षण का उपयोग करके अपना काम भी शुरू कर सकते हैं।स्थानीय लोगों का मानना है कि इस तरह के लघु अवधि वाले कोर्स युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। खासतौर पर लोअर व मिडिल क्लास परिवारों से आने वाले विद्यार्थियों को सस्ती दरों पर उपयोगी प्रशिक्षण उपलब्ध होने से रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी।

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