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दिव्यांग बच्चों के लिए स्पेशल स्कूल
गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के मसूरी में दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालय की शुरुआत की गई है. जिले का यह पहला सरकारी स्कूल होगा, जहां दिव्यांग बच्चों को शिक्षा उपलब्ध करवाई जाएगी. जिले में दिव्यांगों के लिए विशेष विद्यालय न होने के कारण दिव्यांगों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए मेरठ या दिल्ली का रुख करना पड़ता था, लेकिन अब विद्यालय की शुरुआत होने से दिव्यांगों को दूर नहीं जाना पड़ेगा. दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालय के बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक दिव्यांगों को स्कूल का लाभ मिल सके।
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200 बच्चों की क्षमता
मसूरी स्थित समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालय 2024 में बनकर तैयार हुआ था. 2018 में शासन को समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालय के लिए प्रस्ताव भेजा गया था. करीब 25 करोड़ की लागत से समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालय बनकर तैयार हुआ है. विद्यालय में दिव्यांग छात्रों के साथ-साथ सामान्य छात्र भी शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे. विद्यालय को दिव्यांग छात्रों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है, जिससे विद्यालय में दिव्यांग छात्रों को किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो. विद्यालय में कुल 200 छात्र शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे.
सीडीओ का प्रयास
हॉस्टल की सुविधा भी उपलब्ध: विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने वाले सामान्य और दिव्यांग छात्रों के लिए हॉस्टल की सुविधा भी उपलब्ध होगी. करीब सात करोड़ रुपए की लागत से हॉस्टल तैयार किया गया हैं. फिलहाल, विद्यालय के प्रधानाचार्य का चार्ज गाजियाबाद के दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी के पास है. दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग से संपर्क कर दाखिले से संबंधित जानकारी हासिल की जा सकती है. समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालय में आधुनिक लाइब्रेरी, कंप्यूटर लैब, साइंस लैब, एक्टिविटी रूम, रसोईघर डाइनिंग रूम और खेल के लिए निर्धारित स्थान बनाया गया है।
विशेष विद्यालय की शुरुआत
गाजियाबाद के मुख्य विकास अधिकारी अभिनव गोपाल के मुताबिक शैक्षिक सत्र 2025-26 के लिए दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. विद्यालय में दिव्यांगों को उच्च स्तर की शिक्षा प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा. स्कूल में विशेष शिक्षा पद्धतियों के अध्यापन कार्यों के लिए प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है.