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Eid : अमन चैन के साथ मनाई जा रही है ईद, नमाज़ के बाद अदा की कुर्बानी की रस्म

ईद-उल-अजहा का पर्व आज पूरे गाजियाबाद जनपद में शांति, भाईचारे और धार्मिक उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। सुबह से ही मुस्लिम बहुल इलाकों में चहल-पहल और ईद की रौनक देखने को मिली। केला भट्टा, पसोंडा, शहीद नगर, लोनी, डासना, हापुड़ रोड और मसूरी क्षेत्र में

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Syed Ali Mehndi
ईद का त्यौहार

ईद का त्यौहार

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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता 

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ईद-उल-अजहा का पर्व आज पूरे गाजियाबाद जनपद में शांति, भाईचारे और धार्मिक उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। सुबह से ही मुस्लिम बहुल इलाकों में चहल-पहल और ईद की रौनक देखने को मिली। केला भट्टा, पसोंडा, शहीद नगर, लोनी, डासना, हापुड़ रोड और मसूरी क्षेत्र में लोगों ने नए कपड़े पहनकर ईदगाहों और मस्जिदों में नमाज़ अदा की और एक-दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद दी।

 इस्लामी परंपरा का निर्वहन 

ईद की नमाज़ के तुरंत बाद कुर्बानी की रस्म भी पूरे धार्मिक अनुशासन के साथ अदा की गई। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अल्लाह की राह में कुर्बानी देकर इस्लामिक परंपरा का निर्वहन किया। खासकर युवा वर्ग सुबह से ही कुर्बानी की तैयारियों में जुटा रहा और बच्चों में बकरों को लेकर खासा उत्साह देखा गया। कई घरों में बच्चों ने अपने ‘पालतू बकरों’ को खुद अपने हाथों से दुलारते हुए विदा किया।

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सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद

ईद के पर्व को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा। खासकर केला भट्टा, शहीद नगर, पसोंडा, साहिबाबाद, लोनी और खोड़ा जैसे संवेदनशील माने जाने वाले इलाकों में पुलिस बल और पीएसी की तैनाती की गई थी। कोतवाली और चौकी पुलिस ने स्थानीय मस्जिदों के पास फ्लैग मार्च कर लोगों से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की थी, जिसका सकारात्मक असर देखने को मिला।

मिलजुल कर मनाया गया पर्व

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ईद की नमाज़ के बाद गाजियाबाद में हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे की अनूठी मिसाल भी देखने को मिली। कई इलाकों में हिन्दू समाज के लोगों ने अपने मुस्लिम मित्रों और पड़ोसियों को मिठाइयाँ और सेवइयाँ भेंट कीं। जगह-जगह सामाजिक संगठनों द्वारा भी "सद्भावना ईद मिलन" जैसे कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिससे वातावरण पूरी तरह उत्सवी और मेलजोल से भरा रहा।

बाज़ारों में रही रौनक

पिछले कुछ दिनों से गाजियाबाद के बकरा मंडियों और कपड़े-चप्पल की दुकानों में खूब रौनक देखी गई। दुंबा बकरा, तोता-परी, अजमेरी, और मथुरा नस्लों के बकरे खास पसंद किए गए। लोगों ने अपनी सामर्थ्य और श्रद्धा के अनुसार कुर्बानी के लिए जानवर खरीदे। कई लोगों ने ऑनलाइन बकरा बुकिंग का भी सहारा लिया।ईद-उल-अजहा गाजियाबाद में पूरी शांति और भाईचारे के साथ मनाई गई। यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि त्याग, सेवा और सामूहिक एकता का संदेश भी देता है। प्रशासन की सजगता और आमजन की जागरूकता ने इस बार की ईद को पूरी तरह सौहार्दपूर्ण और उल्लासपूर्ण बना दिया।

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