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फाइल फोटो
गाजियाबाद,वाईबीएन संवाददाता
बकरीद की पूर्व संध्या पर गाजियाबाद के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों, विशेषकर मुस्लिम भवन क्षेत्र में रौनक देखते ही बन रही है। त्योहार की तैयारियों के बीच कुर्बानी के लिए बकरों की खरीदारी पूरे उत्साह के साथ हो रही है। इस मौके पर बाजारों में जबरदस्त भीड़ देखी गई, जहां लोग अपने परिवारों के साथ बकरा खरीदने पहुंचे।बकरीद, जिसे ईद-उल-अज़हा भी कहा जाता है, इस्लाम धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो हज़रत इब्राहीम (अलैहिस्सलाम) की अल्लाह के प्रति वफ़ादारी और बलिदान की याद में मनाया जाता है। इस दिन कुर्बानी की परंपरा निभाई जाती है, जिसके तहत लोग बकरा, भेड़ या अन्य जानवरों की कुर्बानी करते हैं। गाजियाबाद के बाजारों में इसी परंपरा को निभाने के लिए बकरों की भारी मांग देखी गई।
तोतापरी दुंबा जमुनापारी
इस साल बाजार में राजस्थान के प्रसिद्ध 'तोता परी', 'दुंबा', 'जमुनापारी' और 'पटियाला' नस्ल के बकरे विशेष आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। 'तोता परी' नस्ल अपने आकर्षक रूप और मजबूत शरीर के लिए जानी जाती है, वहीं 'दुंबा' बकरा अफगानी नस्ल का होता है जिसकी शरीर पर मोटी चर्बी की परत होती है, जो इसे अन्य बकरों से अलग बनाती है। इन खास नस्लों की कीमतें ₹25,000 से ₹1,00,000 तक देखी गईं।
जमकर हुई खरीदारी
व्यापारियों के अनुसार इस बार मौसम अनुकूल रहने से खरीदारों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं दूसरी ओर कुछ स्थानों पर महंगाई के कारण लोगों को अपनी बजट के अनुसार ही खरीदारी करनी पड़ी। कई परिवारों ने मिलकर बड़े बकरे की कुर्बानी का निर्णय लिया ताकि परंपरा भी निभे और बजट पर असर भी न पड़े।
नमाज़ के बाद कुर्बानी
बकरीद के अवसर पर प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था भी सख्त रखी गई है। पुलिस बल और स्थानीय प्रशासन की टीमें संवेदनशील इलाकों में गश्त कर रही हैं, जिससे त्योहार शांतिपूर्वक संपन्न हो सके।बकरीद के दिन, यानी कल सुबह से ही मस्जिदों में विशेष नमाज अदा की जाएगी, जिसके बाद लोग कुर्बानी की रस्म अदा करेंगे और फिर अपने सगे-संबंधियों, पड़ोसियों और ज़रूरतमंदों में कुर्बानी का गोश्त बांटेंगे।गाजियाबाद में इस बार बकरीद का त्योहार धार्मिक आस्था, पारिवारिक उल्लास और सामाजिक समरसता के साथ मनाए जाने की पूरी तैयारी है।