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बिजली कटौती
गाजियाबाद,वाईबीएन संवाददाता
गाजियाबाद में गर्मी और उमस के बीच बिजली संकट लोगों के लिए दोहरी मुसीबत बन गया है। बीती रात शहरवासियों को 12 घंटे की तपती रात और लगातार 5 घंटे तक बिजली गुल रहने का सामना करना पड़ा। इससे न सिर्फ लोगों की नींद उड़ी, बल्कि पूरे शहर में हाहाकार मच गया। लगातार हो रही कटौती ने आमजन के साथ-साथ बुजुर्गों और बच्चों को भी बेहाल कर दिया है।
घंटाघर क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित
केला भट्टा निवासी इमरान रिजवान ने बताया कि कोतवाली घंटाघर क्षेत्र में बिजली रातभर आंख मिचौली करती रही। "कभी आई, कभी गई – इस हालत में इनवर्टर भी ठप हो गए और छोटे-छोटे बच्चे गर्मी से तड़पते रहे," उन्होंने कहा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि बिना पंखे और कूलर के रात काटना किसी सजा से कम नहीं था।
‘चैन की नींद’ में विद्युत विभाग
गुलमोहर सोसायटी निवासी गौरव बंसल ने विद्युत विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “ऑरेंज अलर्ट के बावजूद विभाग गहरी नींद में सोया है। लाइट की आंख मिचौली ने सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को केवल सजावटी सामान बना दिया है। फ्रिज, एसी, कूलर – सब व्यर्थ हो चुके हैं।”
विजयनगर में बुरा हाल
आनंद सेवा समिति की अध्यक्ष ममता सिंह ने कहा कि भीषण गर्मी में ऐसी बिजली कटौती अमानवीय है। "विद्युत विभाग को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। गर्मी के इस दौर में विभाग को 24 घंटे ड्यूटी पर कर्मचारी तैनात करने चाहिए ताकि आपूर्ति बनाए रखी जा सके," उन्होंने कहा।
गोविंदपुरम में भी वही हालात
गोविंदपुरम निवासी जितेंद्र कौशिक ने बताया कि उनके क्षेत्र में पिछले 24 घंटे में अंधाधुंध कटौती से लोग परेशान हैं। "बीती रात 5-6 घंटे बिजली नदारद रही, जिससे पूरी सोसाइटी जागती रही। लोगों को चैन की नींद तक नहीं मिली।" उन्होंने कहा कि यह स्थिति सामान्य नहीं है, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है।
सेक्टर 23 में अंधाधुंध कटौती
संजय नगर सेक्टर 23 निवासी सैयद अली हसन का कहना है कि इस बार बिजली कटौती ने सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। "इतनी कटौती हो रही है कि अब फ्रिज में ठंडा पानी तक नहीं मिल पा रहा है। लोग पीने के पानी के लिए भी परेशान हैं।"
राहत की उम्मीद नहीं
गौरतलब है कि शहर में तापमान 44 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है। ऐसे में बिजली की कटौती ने आम लोगों की मुश्किलें और भी बढ़ा दी हैं। लोग सोशल मीडिया और स्थानीय अधिकारियों के माध्यम से लगातार शिकायत कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। शहरवासियों की मांग है कि गर्मी की इस चरम स्थिति में बिजली आपूर्ति को स्थिर किया जाए और कटौती की समयसारिणी सार्वजनिक की जाए, ताकि लोग समय रहते वैकल्पिक उपाय कर सकें। साथ ही, विद्युत विभाग की जवाबदेही तय होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी अराजकता से बचा जा सके।