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Event : मिशन शक्ति अभियान 5.0 के तहत महिला सुरक्षा पर जागरूकता कार्यक्रम

महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण को लेकर चलाए जा रहे मिशन शक्ति अभियान 5.0 के अंतर्गत ट्रांस हिंडन जोन कमिश्नरेट गाजियाबाद में विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस पहल में पिंक बूथ पुलिस टीम मोहननगर और एंटी रोमियो स्क्वाड टीम थाना साहिबाबाद की

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Syed Ali Mehndi
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मिशन शक्ति अभियान

गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता 

महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण को लेकर चलाए जा रहे मिशन शक्ति अभियान 5.0 के अंतर्गत ट्रांस हिंडन जोन कमिश्नरेट गाजियाबाद में विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस पहल में पिंक बूथ पुलिस टीम मोहननगर और एंटी रोमियो स्क्वाड टीम थाना साहिबाबाद की संयुक्त टीम ने सेंट थॉमस स्कूल साहिबाबाद का भ्रमण किया।

पिंक बूथ पुलिस 

कार्यक्रम के दौरान छात्राओं और महिला स्टाफ को महिला सुरक्षा से जुड़े विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी गई। टीम ने विस्तार से समझाया कि समाज में महिलाएं और छात्राएं किस तरह खुद को सुरक्षित रख सकती हैं और किन परिस्थितियों में पुलिस से तुरंत सहायता प्राप्त करनी चाहिए। छात्राओं को विशेष रूप से ‘बैड टच’ और ‘गुड टच’ के बीच अंतर के बारे में जानकारी दी गई। टीम ने उदाहरणों और सरल भाषा के माध्यम से समझाया कि बैड टच की पहचान कैसे की जा सकती है और ऐसे मामलों में तुरंत कैसे प्रतिक्रिया दी जानी चाहिए। बताया गया कि इस प्रकार की असहज स्थिति में चुप रहना समाधान नहीं है, बल्कि भरोसेमंद व्यक्ति और पुलिस तक बात पहुंचाना बेहद जरूरी है।

छात्राओं को सशक्त बनाना जरूरी

इसके अलावा टीम ने आत्मरक्षा के महत्व पर भी जोर दिया। छात्राओं को बताया गया कि शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त बनना हर महिला के लिए आवश्यक है, ताकि वे किसी भी विपरीत परिस्थिति में खुद का बचाव कर सकें। कार्यक्रम में हेल्पलाइन नंबरों की भी विस्तार से जानकारी दी गई। टीम ने छात्राओं को बताया कि असुविधा, अपराध, असुरक्षा या अन्य किसी समस्या की स्थिति में तुरंत पुलिस हेल्पलाइन नंबरों का प्रयोग किया जा सकता है। इनमें 112 (आपातकालीन सहायता), 1090 (महिला हेल्पलाइन), 181 (महिला हिंसा से संबंधित शिकायत), और 1930 (ऑनलाइन धोखाधड़ी से जुड़ी शिकायत) शामिल हैं।

 हेल्पलाइन नंबर महत्वपूर्ण 

पुलिस टीम ने छात्राओं से बातचीत करते हुए यह भी कहा कि इन नंबरों का इस्तेमाल करने में किसी भी प्रकार की झिझक नहीं होनी चाहिए। इन सेवाओं का उद्देश्य ही महिलाओं और छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इस अवसर पर उपस्थित शिक्षकों ने भी पुलिस टीम की पहल की सराहना की और कहा कि ऐसे जागरूकता कार्यक्रम बच्चों के लिए बेहद जरूरी हैं। शिक्षक प्रतिनिधियों का कहना था कि स्कूली स्तर पर इस तरह की जानकारी मिलने से बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ता है और वे भविष्य में किसी भी तरह की असुविधाजनक स्थिति में सही निर्णय ले पाते हैं।

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