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Event : घरौंदा आश्रम में IPL ने किया बाल यौन शोषण जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

गोविंदपुरम स्थित घरौंदा आश्रम में "आक्रामकता के शिकार मासूम बच्चों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस" के अवसर पर विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम समाधान अभियान संस्था एवं इंडिया पेस्टिसाइड्स लिमिटेड (IPL) के संयुक्त तत्वावधान

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Syed Ali Mehndi
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कार्यक्रम आयोजित

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गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता 

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गोविंदपुरम स्थित घरौंदा आश्रम में "आक्रामकता के शिकार मासूम बच्चों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस" के अवसर पर विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम समाधान अभियान संस्था एवं इंडिया पेस्टिसाइड्स लिमिटेड (IPL) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। “चुप्पी तोड़, हल्ला बोल” परियोजना के अंतर्गत आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को पोक्सो एक्ट, बाल यौन शोषण से बचाव, सुरक्षित व असुरक्षित स्पर्श की जानकारी देकर उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना था।

 आत्म सुरक्षा आवश्यक

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में समाधान अभियान संस्था के संस्थापक डॉ. सतीश चंद्र पांडे उपस्थित रहे। उन्होंने बच्चों को जीवन में आत्म-सुरक्षा के महत्व के बारे में बताया और उनका मार्गदर्शन करते हुए उन्हें आशीर्वाद दिया। साथ ही सामाजिक कार्यकर्ता अर्चना अग्निहोत्री एवं दीपा शर्मा ने भी कार्यक्रम में भाग लिया और बच्चों को प्रेरणादायक बातें बताईं। उन्होंने बच्चों को साहसपूर्वक अपनी बात कहने, किसी भी तरह की यौन हिंसा या शोषण का विरोध करने और विश्वासपात्र वयस्क से संवाद करने की सलाह दी।घरौंदा आश्रम के संचालनकर्ता और स्टाफ सदस्यों ने कार्यक्रम को अत्यंत सराहनीय और उपयोगी बताया। 

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 मानसिक मजबूती जरूरी 

उन्होंने कहा कि इस प्रकार की पहल बच्चों में आत्मविश्वास जगाती है और उन्हें मानसिक रूप से सशक्त बनाती है। आश्रम की ओर से सभी बच्चों ने ध्यानपूर्वक सत्र में भाग लिया और कई बच्चों ने सवाल पूछकर अपनी जिज्ञासाएं भी स्पष्ट कीं। इंडिया पेस्टिसाइड्स लिमिटेड (IPL) द्वारा इस सामाजिक विषय पर की गई पहल की सभी ने भूरी-भूरी प्रशंसा की। कंपनी ने CSR (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) के तहत इस कार्यक्रम में सहभागिता कर एक मजबूत सामाजिक संदेश दिया कि बच्चों की सुरक्षा हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद पत्र और प्रेरणास्पद साहित्य भी वितरित किया गया। आयोजन ने न केवल बच्चों को सशक्त किया बल्कि उपस्थित सभी लोगों को बाल सुरक्षा के प्रति संवेदनशील भी बनाया।

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