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Event : विद्यार्थी बने लेखक, पुस्तकों का हुआ विमोचन

डी.ए.वी पब्लिक स्कूल, प्रताप विहार में साहित्यिक अभिरुचि को बढ़ावा देने हेतु एक विशेष लेखक सत्र का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यालय की दो होनहार प्रतिभाओं—श्रेया भाटिया और आदित्य गुप्ता—द्वारा रचित पुस्तकों का विधिवत विमोचन किया गया।

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Syed Ali Mehndi
पुस्तक विमोचन

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गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता 

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डी.ए.वी पब्लिक स्कूल, प्रताप विहार में साहित्यिक अभिरुचि को बढ़ावा देने हेतु एक विशेष लेखक सत्र का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यालय की दो होनहार प्रतिभाओं—श्रेया भाटिया और आदित्य गुप्ता—द्वारा रचित पुस्तकों का विधिवत विमोचन किया गया। प्रधानाचार्या डॉ. सिन्नी मल्होत्रा के नेतृत्व में आयोजित इस सत्र में छात्रों, शिक्षकों और प्रबंधन ने बड़े उत्साह से भाग लिया।

लेखक बने विद्यार्थी
लेखक बने विद्यार्थी

 

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सरस्वती वंदना 

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना से हुई, जिसके उपरांत मंच संचालन की ज़िम्मेदारी वरिष्ठ शिक्षक अमर सिंह और चित्रा अग्रवाल ने संभाली। उन्होंने दोनों युवा लेखकों का परिचय देते हुए उनकी पुस्तकों की विषयवस्तु और महत्व पर प्रकाश डाला। श्रेया भाटिया की पुस्तक वाउंडेड रूट्स जीवन की जटिलताओं और भावनात्मक संघर्षों को उजागर करती है, जबकि आदित्य गुप्ता की अनचार्टेड डेप्थ्स: ए जर्नी इनटू द वर्ल्ड्स ओशन्स समुद्रों की रहस्यमयी दुनिया की एक रोचक यात्रा प्रस्तुत करती है।

विद्यार्थियों का उत्साह वर्धन 

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इस सत्र में नौवीं से बारहवीं कक्षा तक के छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। विद्यार्थियों को लेखन की प्रक्रिया, रचनात्मक अभिव्यक्ति और साहित्यिक सोच के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श करने का अवसर मिला। छात्रों ने लेखकों से प्रश्न पूछे, जिनका उत्तर देकर श्रेया और आदित्य ने उनके रचनात्मक उत्साह को और अधिक प्रोत्साहित किया।

छात्र बने लेखक 

लेखन की दुनिया में कदम रखने वाले इन नवोदित रचनाकारों ने बताया कि यह उपलब्धि सिर्फ व्यक्तिगत नहीं, बल्कि उनके शिक्षकों, परिजनों और विद्यालय के निरंतर सहयोग का परिणाम है। दोनों छात्रों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे निरंतर लेखन अभ्यास, पढ़ाई और मार्गदर्शन ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया।

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मिली सराहना 

इस अवसर पर विद्यालय प्रबंधन समिति ने दोनों छात्रों की रचनात्मकता की सराहना करते हुए उन्हें प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिह्न प्रदान किए। डॉ. सिन्नी मल्होत्रा ने कहा कि यह विद्यालय के लिए गौरव का क्षण है कि उसके छात्र इतनी कम उम्र में साहित्य के क्षेत्र में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा, “इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को केवल प्रेरित करना नहीं, बल्कि उन्हें यह विश्वास दिलाना है कि वे भी रचनात्मकता के पथ पर आगे बढ़ सकते हैं।”

पुस्तक का विमोचन 

पुस्तक विमोचन समारोह के अंत में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए आयोजकों ने सभी उपस्थितों का आभार व्यक्त किया और भविष्य में इस प्रकार के कार्यक्रमों के आयोजन का आश्वासन दिया। यह सत्र न केवल साहित्य के प्रति छात्रों की रुचि को प्रोत्साहित करने वाला रहा, बल्कि विद्यालय के लिए भी एक ऐतिहासिक क्षण बन गया, जहाँ शिक्षा और सृजनात्मकता का सशक्त समागम देखने को मिला।

 

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