गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
भारत के वीर शिरोमणि, स्वाभिमान के प्रतीक, और इतिहास की अमर विभूति महाराणा प्रताप की जयंती के अवसर पर आज डी ब्लॉक एडवोकेट चैंबर परिसर में एक भावपूर्ण श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। यह आयोजन अधिवक्ता हरेंद्र कुमार गौतम एवं उनके सहयोगी अधिवक्ताओं द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता कमलकांत के चैंबर के समक्ष किया गया।
पुष्पांजलि
इस अवसर पर अधिवक्ताओं ने महाराणा प्रताप के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। श्रद्धांजलि सभा में वरिष्ठ और युवा अधिवक्ताओं ने भाग लिया और वीरता, स्वाभिमान एवं स्वतंत्रता के प्रतीक महाराणा प्रताप के जीवन से प्रेरणा लेने का संकल्प लिया। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रभक्ति गीतों के साथ हुई और दो मिनट का मौन रखकर महाराणा प्रताप को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
आत्म सम्मान के प्रतीक
अधिवक्ता हरेंद्र कुमार गौतम ने अपने संबोधन में कहा, “महाराणा प्रताप भारतीय आत्मसम्मान के प्रतीक हैं। उन्होंने अपने स्वाभिमान की रक्षा के लिए कठिनतम परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी। उनका जीवन आज भी हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत है, विशेषकर न्याय के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए।”
त्याग और बलिदान
सभा में मौजूद अधिवक्ताओं ने महाराणा प्रताप के त्याग और बलिदान की सराहना करते हुए कहा कि उनका साहस और सिद्धांतों पर अडिग रहना आज के समय में भी अत्यंत प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप जैसे महापुरुषों की जयंती को मनाना मात्र परंपरा नहीं, बल्कि उनके विचारों को आत्मसात करने का संकल्प है।
इस अवसर पर यह भी निर्णय लिया गया कि आगामी वर्षों में भी इस दिन को उसी श्रद्धा, उत्साह और राष्ट्रीय गौरव के साथ मनाया जाएगा। कार्यक्रम के अंत में ‘महाराणा प्रताप अमर रहें’ के नारों के साथ श्रद्धांजलि सभा का समापन हुआ। यह आयोजन अधिवक्ताओं के बीच राष्ट्रीय इतिहास और सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति जागरूकता का प्रतीक बन गया।