गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता।
इस सनसनीखेज वारदात को सबसे पहले उजागर करने वाली यंग भारत न्यूज की टीम किसी भी मीडिया टीम से पहले मौके पर पहुंची और पीड़ित परिवार से घटना का आंखों-देखा हाल जाना। परिवार ने बताया कि वारदात में नौकरानी के साथ तीन-चार युवक भी शामिल थे। जबकि शोर मचने पर जब वो भागे तो अपने साथ लाए कुछ हथियारनुमा सामान को मौके पर ही छोड़ गए। जाहिर है कि यदि मेघना की नींद न खुलती तो बड़ी वारदात हो सकती थी।
पूरी कहानी मेघना बंसल की जुबानी
सबसे पहले मौके पर पहुंची यंग भारत की टीम से मेघना बंसल ने बात की। इस संवददाता को मेघना ने बताया कि घटना वाली रात पापा की तबीयत खराब थी, लिहाजा उन्होंने खाना नहीं खाया था। ईशा ने हमारे बेहोश होते ही पापा को बाथरूम में बंद कर दिया और घर में नगदी-जेवरात तलाशने लगे। पापा के दरवाजा पीटने और शोर मचाने पर वह बेहोशी से कुछ बाहर निकलीं और पापा को बाथरूम से निकाल दिया। इसी दौरान नौकरानी के साथ मौजूद तीन-चार युवक दीवार कूदकर भाग निकले। हमने शोर मचाया। घर से बाहर आए। आस-पड़ोस के लोगों से मदद मांगी। पुलिस को सूचना दी। एंबुलेंस से तीनों को अस्पताल ले जाया गया।
घर से मिले हैं दो बड़े पेचकस
मेघना के मुताबिक नौकरानी के कमरे से दो बड़े-बडे़ पेचकस मिले हैं। जाहिर है यदि सब बेहोश हो जाते तो वो इनका इस्तेमाल करके बड़ी वारदात कर सकते थे। इसकी जानकारी पुलिस को दे दी गई है।
जहरीली-नशीली दवा की शीशी भी मिली
मेघना ने बताया कि नौकरानी ईशा के कमरे से पेचकस के अलावा जहरीली और नशीली दवा की एक शीशी भी मिली है। जो घटना के दौरान पुलिस को नहीं मिली थी। लेकिन इस बाबत भी पुलिस को जानकारी दे दी गई है।
किस्मत या इत्तेफाक कि बच गईं जान
घटना के बाद अस्पताल में भर्ती परिवार को डॉक्टर्स ने बताया कि खाने में जहर के साथ-साथ नशे की दवा भी थी। यदि समय रहते उपचार नहीं मिलता तो जान भी जा सकती थी। उधर, इसे इत्तेफाक कहें या किस्मत कि घटना की रात परिवार के मुखिया की तबीयत नासाज थी जिसके चलते उन्होंने खाना नहीं खाया। वरना, न जाने नौकरानी और उसके साथी परिवार के साथ कोई अनहोनी कर देते।