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Facility : 17 करोड़ की गंगाजल आपूर्ति योजना का तोहफ़ा

महापौर सुनीता दयाल ने विजयनगर क्षेत्र को 17 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली जलापूर्ति योजना का तोहफ़ा दिया। भूमि पूजन और शुभारंभ करते हुए उन्होंने कहा कि छह माह में यह योजना पूरी कर ली जाएगी।

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Syed Ali Mehndi
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Gangajal water supply

गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता

महापौर सुनीता दयाल ने विजयनगर क्षेत्र को बड़ी सौगात देते हुए 17 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली जलापूर्ति योजना का शुभारंभ किया। भूमि पूजन कर उन्होंने कार्य का उद्घाटन किया और भरोसा दिलाया कि महज़ छह माह में यह योजना पूरी कर ली जाएगी। इस योजना से लंबे समय से पानी की समस्या से जूझ रहे क्षेत्र के निवासियों को राहत मिलेगी।

गंगाजल पाइपलाइन योजना

महापौर ने जानकारी दी कि विजयनगर क्षेत्र के दस वार्डों तक गंगाजल की पाइपलाइन बिछाई जाएगी। इस योजना के अंतर्गत 200 मिमी से 500 मिमी तक की अत्याधुनिक टाटा कंपनी की पाइपलाइन लगाई जाएगी। पाइपलाइन सीधे छह भूमिगत भंडारण (यूजीआर) तक गंगाजल पहुंचाएगी और वहां से प्रमुख टंकियों के माध्यम से घर-घर जलापूर्ति होगी।अब तक इस क्षेत्र में भूजल स्तर लगातार नीचे जाने के कारण पंप जल्दी खराब हो जाते थे, जिससे पानी की किल्लत बनी रहती थी। नई योजना से इस समस्या का स्थायी समाधान होगा।

किन वार्डों को मिलेगा लाभ

इस महत्वाकांक्षी योजना से विजयनगर क्षेत्र के वार्ड 3, 14, 15, 23, 25, 26, 48, 51, 55 और 58 को सीधा लाभ मिलेगा। इन वार्डों के हजारों परिवारों को अब रोज़मर्रा की पानी की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा। महापौर ने कहा कि इन वार्डों में पेयजल संकट पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा।

पेयजल संकट होगा दूर

महापौर सुनीता दयाल ने भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान लोगों से अपील की कि गंगाजल का उपयोग जिम्मेदारी से करें और व्यर्थ न बहाएं। उन्होंने कहा कि यह योजना न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाई गई है। गंगाजल जैसी अमूल्य धरोहर को संरक्षित रखते हुए ही आने वाली पीढ़ियों को पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराया जा सकता है।

अधिकारियों की मौजूदगी

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कार्यक्रम के दौरान नगर निगम और जल निगम के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। उन्होंने योजना की तकनीकी जानकारी साझा की और आश्वस्त किया कि निर्धारित समय सीमा के भीतर कार्य पूर्ण कर दिया जाएगा। विजयनगर के निवासियों के लिए यह योजना किसी बड़ी राहत से कम नहीं है। वर्षों से चल रहे पेयजल संकट का समाधान अब गंगाजल पाइपलाइन से संभव हो सकेगा। छह माह बाद जब यह योजना पूरी तरह लागू होगी, तब क्षेत्रवासियों को स्वच्छ, पर्याप्त और नियमित पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

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