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मॉडर्न फार्मिंग
गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
मॉडर्न फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए लगातार उद्यान विभाग की तरफ से कवायद की जा रही है. कविनगर स्थित उद्यान विभाग की नर्सरी में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस तैयार किए गए हैं. इन्हें आसान भाषा में हाईटेक नर्सरी भी कह सकते हैं. यहां स्ट्रॉबेरी समेत विभिन्न फलों और फूलों की खेती करने के लिए पॉलीहाउस में सेपलिंग तैयार किए जाएंगे.
हाईटेक नर्सरी मॉडर्न फार्मिंग
जिला उद्यान अधिकारी निधि सिंह के मुताबिक हाईटेक नर्सरी (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस) तीन कांसेप्ट पर काम करता है. हाईटेक नर्सरी में सीडर मशीन होती है, जिसके माध्यम से ट्रे में सीडिंग की जाती है. जिसके बाद ट्रे को प्रोडक्शन एरिया में शिफ्ट कर दिया जाता है. प्रोडक्शन एरिया में टेंपरेचर को मेंटेन किया जाता है जिससे कि सीड जर्मिनेट हो सके. तकरीबन 15 दिन तक प्रोडक्शन एरिया में रखा जाता है. जिसके बाद ट्रे को हार्डेनिंग चेंबर में शिफ्ट कर दिया जाता है.
सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस
यहां जर्मिनेट हुए पौधों को दो हफ्ते से महीने भर तक रखा जाता है. इस पूरे प्रोसेस के बाद एकदम स्वस्थ पौधा तैयार होता है. जिसे किसान सीधे अपने खेत में लगा सकता हैं. सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में तैयार हुए पौधे की गुणवत्ता अन्य पौधों की तुलना में तकरीबन डेढ़ से दोगुना होती है. जिससे कि फसल का प्रोडक्शन भी बेहतर होता है.
किसानों को नई सौगात
मॉडर्न खेती के जरिए किसानों को नई तकनीक से रूबरू कराया जा रहा है इसके लिए विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जा रहा है इसके साथ ही किसानों को बताया जा रहा है कि किस तरह से वह कम समय में कम मेहनत और कम खर्चे में बेहतर फसल उगा सकते हैं।
किसान हितैषी सरकार
निश्चित रूप से जहां एक और किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार विभिन्न योजनाओं के जरिए किसानों के बीच अपनी छाप छोड़ने की कोशिश कर रही है वही कुछ वर्ष पहले किसान आंदोलन से जो सरकार और किसानों के बीच दूरी आई थी उसको भी मिटाने का प्रयास किया जा रहा है।
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