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सुकन्या समृद्धि योजना
गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
सुकन्या समृद्धि योजना के प्रति लोगों में जागरूकता नहीं है इसकी वजह से बीते दो वर्षो की तरह इस साल भी में लाभार्थियों को जोड़ने का लक्ष्य 50% भी पूरा नहीं हो सका वही डाक विभाग की ओर से लक्ष्य पूरा करने के लिए जागरूकता के नाम पर खाना पूर्ति की जा रही है स्थिति यह है की योजना की शुरुआती वर्षों का डाटा भी डाक विभाग के पास मौजूद नहीं है।
2015 से हुई शुरू योजना
बालिकाओं के भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए केंद्र सरकार ने वर्ष 2015 में सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत की थी योजना के तहत 10 वर्षों से कम उम्र की बालिकाओं के नाम पर बैंक खाता खोले जाते हैं ताकि बालिकाओं के भविष्य को सुरक्षित किया जा सके योजना में निवेश करने पर डाक विभाग की ओर से 8.2 प्रतिशत का ब्याज दिया जाता है डाक विभाग को सरकार की ओर से सुकन्या समृद्धि योजना से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने का लक्ष्य दिया जाता है।
लक्ष्य पाने में विफल
वित्तीय वर्ष 2024 2025 में जिले में 16980 लोगों को योजना से जोड़ने का लक्ष्य दिया गया था लेकिन स्थिति यह है कि लक्ष्य का 50% भी अभी तक पूरा नहीं हो सका है इस वर्ष कुल 5834 में लाभार्थियों ने योजना में इन्वेस्ट किया है।
प्रचार नहीं
डाक विभाग को इस योजना को प्रोत्साहित करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में कैंप पंपलेट और चौपाल आदि लगानी थी लेकिन डाक विभाग इस पूरे मामले में सिर्फ खानापूर्ति करता नजर आ रहा है जिसका नतीजा यह है कि लक्ष्य 50% भी हासिल नहीं हो सका।
प्रयास जारी
वरिष्ठ अधीक्षक डाक विभाग भूर सिंह मीणा का कहना है कि सुकन्या योजना के लिए हर माह कैंप लगाए जा रहे हैं शिव आरती वर्षों का डाटा डाक विभाग के पास नहीं है इसके बाद सब कुछ डिजिटल हो गया है।