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Fear : वार्ता लोक कॉलोनी में कुत्तों का आतंक, स्कूटी सवार किशोर गंभीर रूप से घायल

थाना इंदिरापुरम क्षेत्र की वार्ता लोक कॉलोनी में आवारा कुत्तों का आतंक दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। कॉलोनीवासियों की मानें तो स्थिति अब बेहद भयावह हो चुकी है और यदि प्रशासन ने समय रहते कार्रवाई नहीं की, तो कोई बड़ा हादसा कभी भी घट सकता है। इसी आशंका को सच

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Syed Ali Mehndi
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घायल युवक

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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता

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थाना इंदिरापुरम क्षेत्र की वार्ता लोक कॉलोनी में आवारा कुत्तों का आतंक दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। कॉलोनीवासियों की मानें तो स्थिति अब बेहद भयावह हो चुकी है और यदि प्रशासन ने समय रहते कार्रवाई नहीं की, तो कोई बड़ा हादसा कभी भी घट सकता है। इसी आशंका को सच साबित करते हुए हाल ही में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना सामने आई, जहां एक स्कूटी सवार किशोर आवारा कुत्तों के डर से सड़क पर गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

 युवक हुआ घायल

घटना के संबंध में कॉलोनी निवासी विजय सिंह ने बताया कि उनका 19 वर्षीय बेटा उज्ज्वल सिंह चौहान अपनी बहन को स्कूल छोड़कर स्कूटी से वापस घर लौट रहा था। जैसे ही वह सोसाइटी के गेट के पास पहुंचा, अचानक वहां मौजूद आवारा कुत्ते उसके पीछे दौड़ पड़े। कुत्तों की इस अप्रत्याशित हरकत से किशोर घबरा गया और नियंत्रण खो बैठा, जिससे स्कूटी फिसलकर गिर गई। इस हादसे में उज्ज्वल को गंभीर चोटें आईं। गनीमत रही कि कुत्तों ने उसे काटा नहीं, वरना स्थिति और भी गंभीर हो सकती थी।

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आवारा कुत्तों का आतंक 

विजय सिंह का कहना है कि कॉलोनी में आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ये कुत्ते न केवल रात के समय झुंड में भौंकते रहते हैं, बल्कि दिन में भी राहगीरों और बच्चों के पीछे दौड़ पड़ते हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि कॉलोनी के गेट अक्सर खुले रहते हैं, जिसके चलते कुत्ते सीढ़ियों तक पहुंच जाते हैं और कभी-कभी ऊपर की मंज़िलों तक चढ़ जाते हैं। उन्होंने बताया कि वे कई बार सोसाइटी के अन्य लोगों से गेट बंद रखने की अपील कर चुके हैं, लेकिन कुछ लोग इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।

लोग परेशान

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“हमारे यहां तो हालत यह है कि सीढ़ियों पर कुत्ते बैठे रहते हैं और ऊपर नहीं जा पाते क्योंकि नीचे का गेट बंद होता है। लेकिन जब गेट खुला रह जाता है तो ये ऊपर तक पहुंच जाते हैं। बार-बार लोगों को गेट बंद करने के लिए कहा गया है ताकि कुत्ते ऊपर न आ सकें, मगर लोग मानते ही नहीं,” – विजय सिंह ने नाराज़गी जताई। स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर निगम और प्रशासन को इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए। कुत्तों की नसबंदी, पुनर्वास और नियंत्रण के उपायों को तेज़ी से लागू करने की आवश्यकता है। वरना ऐसे हादसे रोज़मर्रा की बात बन जाएंगे और जनजीवन संकट में पड़ जाएगा।

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