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Flood : पंजाब बाढ़ पीड़ितों की आवाज बने इंद्रजीत सिंह टीटू, की अपील

राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के वरिष्ठ नेता और सिख समाज से जुड़े इंद्रजीत सिंह टीटू ने कहा है कि पंजाब इस समय गंभीर प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है। प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ से तबाही मची हुई है और लाखों लोग

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Syed Ali Mehndi
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पंजाब में बाढ़ से तबाही

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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता 

राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के वरिष्ठ नेता और सिख समाज से जुड़े इंद्रजीत सिंह टीटू ने कहा है कि पंजाब इस समय गंभीर प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है। प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ से तबाही मची हुई है और लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। खेतों में खड़ी फसल बर्बाद हो चुकी है, सैकड़ों घर ढह गए हैं और कई परिवार बेघर हो गए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित सभी जिम्मेदार पदों पर बैठे नेताओं से अपील की है कि पंजाब के लोगों की मदद के लिए तुरंत ठोस कदम उठाए जाएं।

स्वाभिमानी लोग

टीटू ने कहा कि पंजाब के लोग हमेशा से स्वाभिमानी रहे हैं। वे हाथ फैलाकर मांगने की बजाय खुद मेहनत करके अपनी राह बनाना पसंद करते हैं। लेकिन मौजूदा हालात इतने गंभीर हैं कि सरकारी मदद के बिना हालात को संभालना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि सिख धर्म की परंपरा सेवा पर आधारित है। जब-जब देश में कोई आपदा आई है, पंजाब और सिख समुदाय ने बिना भेदभाव के सेवा की है। चाहे प्राकृतिक आपदा हो या राष्ट्रीय संकट, सिख समाज ने हमेशा देश के प्रति अपना फर्ज निभाया है।

सरकार कर मदद

उन्होंने कहा कि पंजाब निवासी किसी भी हाल में मांगने की स्थिति में नहीं आते, लेकिन यह समय सरकार के आगे कदम बढ़ाने का है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर से राहत कार्यों की गति तेज करें। विशेषकर जिन क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है, वहां से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए अभियान चलाया जाए।

बढ़ रही है परेशानी 

टीटू ने यह भी कहा कि बाढ़ के कारण बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा दिक्कतें हो रही हैं। गांव-गांव में पशुधन के मरने और बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने और पीड़ित परिवारों तक आवश्यक दवाएं और राशन पहुंचाने की आवश्यकता बताई।उन्होंने कहा कि सरकार को इस संकट को केवल पंजाब की समस्या नहीं माननी चाहिए, बल्कि इसे राष्ट्रीय स्तर की आपदा के रूप में देखना चाहिए। यदि पंजाब का किसान खड़ा नहीं रह पाएगा तो देश की खाद्यान्न आपूर्ति पर भी असर पड़ेगा।

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