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फोरेक्स ट्रेडिंग कंपनी में इन्वेस्टमेंट के नाम पर एक व्यक्ति ने पीड़ित से 72 लाख से ज्यादा रूपए की ठगी कर डाली। दिल्ली निवासी पीड़ित व्यक्ति की पुलिस में कोई सुनवाई नहीं हुई तो कोर्ट में गुहार लगाई। कोर्ट के आदेश पर गाजियाबाद जिले की कौशांबी पुलिस ने आरोपी की खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट न्यायालय गाजियाबाद ने केस सं / 2024 दीपक ठाकुर पुत्र स्व श्री हरीश ठाकुर निवासी मनं0-2219, महिला कॉलोनी, गांधीनगर दिल्ली, थाना गांधीनगर, दिल्ली कहा कि आरोपी राजीव वर्मा, डाइरेक्टर मैं ट्रेडकोर प्रालि, कार्यालय नं0-801-805 आठवां तल, एन. एक्स, नोयडा एक्सटेंशन जिला गौतमबुद्धनगर अपने एक मित्र संजय वर्मा, निवासी-मनं0-1123/23, मुल्तानी मौहल्ला गांधीनगर दिल्ली के साथ मिलकर पिछले कई वर्षों से व्यापार कर रहे हैं।
वर्ष 2020 में प्रार्थी व उसके मित्र संजय वर्मा ने स्वास्तिक गोल्ड कियेशन प्रालि के नाम से एक कम्पनी बनाई जो गोल्ड ट्रेडिंग में लेन देन का कार्य करने के लिये बनाई गयी थी। जिसका आफिस 302 एच. ब्लक सैक्टर 23 नोएडा में है। वर्ष 2020 में ही हमारे उक्त आफिस में राजीव वर्मा जो कि अभियुक्त है, आया जैसे कि अन्य ग्राहक भी आते रहते थे तथा राजीव वर्मा ने हमसे गोल्ड के सिक्के खरीदने के लिये बातचीत की।
बातचीत के दौरान ही राजीव वर्मा ने हमसे हमारे बिजनेस के बारे मैं जानकारी प्राप्त करने लगा। हमें उस समय उसकी नीयत पर कोई शक नहीं हुआ और हमने अपनी बिजनैस के बारे में राजीव वर्मा के पूछने पर बिना कोई शक किये काफी बातें बताई तभी राजीव वर्मा ने हमसे कहा कि वह भी फोरेक्स ट्रेडिंग में इन्वेस्टमेन्ट करता है तथा उसके इस काम में काफी मुनाफा होता है।तथा फोरेक्स ट्रेड के मुनाफे की बातें बताकर राजीव वर्मा ने हमको गोल्ड ट्रेडिंग में पैसा लगाने के लिये प्रेरित किया।
100 गुना मुनाफा का लालच देकर फंसाया
उसने बताया कि आप भी गोल्ड ट्रेड करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं क्योंकि गोल्ड ट्रेड में 100 गुणा मार्जिन मिल सकता है। उस समय उसकी बातों से हमको यह अहसास नहीं हो पाया कि राजीव वर्मा हमारे साथ धोखाधडी करने के उद्देश्य से ये सारी बातें कर रहा है। जब राजीव वर्मा को अहसास हुआ कि हम उसकी बातों पर विश्वास नहीं कर रहे हैं तथा उसके कहे अनुसार गोल्ड ट्रेड के व्यवसाय में रुचि नहीं दिखा रहे हैं तो उसने हमसे कहा कि आप एक बार मेरे आफिस में आ जाओ वहाँ बैठकर सारी सम्भावनाओं पर चर्चा करेगे।
राजीव वर्मा के सुझाव पर प्रार्थी व उसका मित्र संजय वर्मा दोनों राजीव वर्मा के आफिस स्थित अंसल प्लाजा माल 2 एफ सी एस 06 व 07 सैक्टर-1 वैशाली गाजियाबाद चले गये वहाँ जाकर पता चला कि राजीव वर्मा का आफिस ट्रेड कोर प्रालि के नाम से है। वहाँ पहुंचने पर राजीव वर्मा ने अपने उस सोफ्ट वेयर जिससे वह लेन-देन करता है, के बारे में बताया तथा कहा कि जिस सोफ्ट वेयर से वह अपना बिजनैस करते हैं वह पूरी तरह से लीगल है तथा उसका पूरा विजनैस पूर्णतया लीगल तरीके से चलता है तथा ऑल ओवर इण्डिया उसके क्लाइन्ट्स हैं।
अपने वैशाली स्थित आफिस में बैठाकर राजीव वर्मा ने हम दोनों को पूर्णतया कनविंस किया ताकि हम राजीव वर्मा के साथ उसके व्यापार से जुड़ जायें। उस मीटिंग के पश्चात हम दोनों अर्थात में व संजय वर्मा अपने कारोबार में व्यस्त हो गये तथा कई दिनों तक राजीव वर्मा से कोई बातचीत नहीं हो पायी।
कुछ दिनों के बाद राजीव वर्मा ने संजय वर्मा को फोन किया कि तुम्हारे लिये मेरे पास एक अच्छी डील है तब हमने राजीव वर्मा को अपने आफिस 302 एच ब्लक सैक्टर-63 नोएडा में बुलाया।
राजीव वर्मा हमारे आफिस में आ गया तथा हमें विश्वास दिलाने के लिये राजीव वर्मा ने हमको रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया के कुछ कागजात दिखाये जिनको देखने से लगा कि फॉरेक्स ट्रेडिंग का व्यवसाय लीगल है। राजीव वर्मा ने तभी हमको बताया कि उसके पूरे भारत वर्ष में बड़े-बड़े क्लाईन्टस हैं जिनमें से उसने एक प्रमुख कबाना कैपिटल के बारें में बताया तथा कबाना कैपिटल के बारे में ऑनलाइन जानकारी दी जिसको देखने से हमको लगा कि वाकई कबाना कैपिटल एक बडा ब्रोकर है।
भरोसा हासिल कर 70 लाख रूपये लगवाए
उसके बाद राजीव वर्मा ने हमको धोखाधड़ी के इरादे से विश्वास में ले लिया तथा हमसे हमारे अकाउन्ट खुलवा लिये जिसमें हमने करीब 70 लाख रूपये राजीव वर्मा को दिये। राजीव वर्मा ने हमें मुनाफे का आश्वासन दिया था परन्तु हमारी सारे रकम डूब गयी और कुछ नहीं मिला इसके पश्चात राजीव वर्मा ने हमसे कहा कि पैसा कमाने की हमारे पास आफिसियल इन्टैलीजेन्स तकनीक है जिसमें आप 8 से 12 प्रतिशत महीने तक प्रोफिट कमा सकते हैं। हम इसके लिये राजीव वर्मा के कहे अनुसार रजामन्द हो गये तथा राजीव वर्मा हमारे आफिस में आकर हमसे 2,40,000/- रूपये ले गया।
उस पर हमो 8-9 प्रतिशत रूपया प्रतिमाह मिलने लगा। दो तीन महीने बाद राजीव वर्मा ने हमें हमारे नोएडा स्थित आफिस में ललित नामक एक व्यक्ति से मिलवाया और बताया कि ये बहुत बड़े आदमी है और कबाना कैपिटल के मालिक हैं।
ललित ने अपने फोन पर मेरा ट्रेडर 5 ओपन करके हमें बहुत बड़े-बड़े अकाउन्ट दिखाये जिनकी रकम लाखों करोडों में थी। ललित ने हमें बताया कि आप भी और लोगों के अकाउन्ट ओपन करके लाखों रूपये महीने की कमीशन कमा सकते हो।
हमने पूछा कैसे तो राजीव वर्मा व ललित ने हमें बताया कि हम आपको अपना अधिकृत एजेंट बना देगे और अपने कबाना कैपिटल ब्रोकर हाउस का पार्टनर बना कर एक ब्रोकर हाउस दे देगे जिसमें आप अपने जैसे अन्य लोगों के अकाउन्ट खोल कर लाखो रुपये महीने की कमीशन कमा पाओगे।
इसके बाद राजीव वर्मा ने हमें बताया कि ललित जी ने अपने एक पार्टनर से बात कर ली है एवं बताया कि उनका पार्टनर बहुत बड़ा आदमी है और लंदन में रहता है और उसी से आपके लिए एक कंपनी रजिस्टर्ड करवा ली है जिसका नाम बिटस्ट्रीम होल्डिंग्स लिमिटेड है।
आरोपी पर 100 करोड़ से ज्यादा ठगी का आरोप
इसके बाद हमने राजीव वर्मा से कंपनी का बैंक अकाउन्ट माँगा जिससे हम दूसरे लोगों के अकाउन्ट ओपन करवा सकें परन्तु फिर हमें राजीव वर्मा ने धोखाधड़ी के चंगुल में फंसाते हुए बोला कि आप सीधे अगर कम्पनी के खाते में पैसे जमा करोगे तो भारत से लन्दन पैसे जाने का आपका बहुत बड़ा चार्ज कट जायेगा इससे बचने के लिये आप मेरी कम्पनी के खाते में पैसा जमा करवा दो क्योंकि हमारी कम्पनी बहार लेन देन के लिये रजिस्टर्ड है और हमारा चार्ज सिर्फ 2 रुपये प्रति लेन-देन ही लगेगा।
इसके पश्चात मैंने और संजय ने हमारे परिचित लोगों से सम्पर्क किया एवं उन्हें कम्पनी के बारे में बताया जिसमें हमारे कुछ परिचित व परिचित ग्राहकों को जिनमें शिव कुमार शर्मा दिल्ली, अमरीक सिंह पेहवा पंजाब, तरुण भारद्वाज व अन्य कई जानकारों ने खाते खुलवाये व राजीव वर्मा द्वारा दिये हये खाते अलेक्सा इंफोटेक खाता सं0-0255050XXXXX IFSC-ICIC0000255 शाखा साहिबाबाद उत्तर प्रदेश में जमा करवाते रहे।
कुछ लोगों के द्वारा कैश में भी पैसा दिया गया जो कि राजीव वर्मा द्वारा दिये गये खाते में जमा करवाए गये। सभी को 8 प्रतिशत प्रतिमाह का मुनाफा उनके बैंक में जाता रहा सभी क्लाइंट के खाते मेटा ट्रेडर 5 पर खुलवाए गए तथा उनको बताया गया कि वे कभी भी अपना मूलधन निकाल सकते हैं और कभी कभी कोई क्लाइंट अपना मूलधन निकालते भी थे तो टाईम पर मिल जाता था।
हमारे जानकार लोगों ने भी इसी तरह आगे अकाउन्ट खुलवाने शुरू कर दिये जिसके लिए उन्हें भी कमीशन आती थी। इसी तरह हजारों लोगों ने करीब 100 करोड से अधिक धनराशि राजीव वर्मा द्वारा दिये अलग अलग खातों में जमा की गयी।