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प्रतीकात्मक फोटो Photograph: (Google)
गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
लालच इंसान से क्या-क्या नहीं करवा सकता। इसका उदाहरण हाल ही में सामने आए एक हैरान कर देने वाले मामले में देखने को मिला। गौतमबुद्ध नगर के भट्टा पारसौल निवासी अनिल सिंह ने वर्ष 2003 से 2006 के बीच चार बीमा पॉलिसियां कराईं थीं। वर्ष 2006 में उनके पिता विजयपाल सिंह ने बीमा कंपनी को सूचना दी कि उनका बेटा अनिल आगरा में सड़क दुर्घटना में जलकर मर गया है। पिता ने बेटे के मौत के दस्तावेज तैयार कर कंपनी को सौंपे, जिसके बाद बीमा कंपनी ने जांच के पश्चात लगभग 72 लाख रुपए का बीमा क्लेम जारी कर दिया।
अहमदाबाद में हुआ गिरफ्तार
सालों तक मामला दबा रहा और कंपनी को कोई संदेह नहीं हुआ। लेकिन 17 साल बाद इस धोखाधड़ी का पर्दाफाश तब हुआ जब अहमदाबाद पुलिस ने अनिल सिंह को एक फर्जीवाड़े के मामले में गिरफ्तार किया। जांच के दौरान जब पुलिस ने उसकी पहचान सत्यापित की तो पता चला कि यही वही व्यक्ति है जिसे उसके पिता ने वर्ष 2006 में मरा हुआ बताया था।
कहां से बने फर्जी दस्तावेज
ह सनसनीखेज खुलासा होते ही एलआईसी कंपनी के विधिक प्रबंधक ने सिहानी गेट थाने में पिता-पुत्र के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि विजयपाल सिंह ने उस समय झूठे दस्तावेज कैसे तैयार किए। मौत के प्रमाणपत्र कहां से बने, और इतने वर्षों तक यह फर्जीवाड़ा कैसे छिपा रहा।
कितने लोग हैं शामिल
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह मामला धोखाधड़ी और जालसाजी का गंभीर उदाहरण है। जांच में यह भी सामने आ सकता है कि इस साजिश में अन्य लोग भी शामिल थे। फिलहाल पुलिस ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। हैरत की बात तो यह है कि पिता ने धन के लालच में अपने जिंदा बेटे को ही मरा हुआ दिखा दिया।