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फाइल फोटो
गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
शौर्यपुरम टाउनशिप प्रोजेक्ट से जुड़े बिल्डरों पर किसानों के साथ धोखाधड़ी का मामला गहराता जा रहा है। किसान उदय पाल सिंह ने पुलिस आयुक्त को लिखे पत्र में खुलासा किया कि बिल्डर समूह ने उसकी जमीन विनिमय के नाम पर ले ली और बदले में उसे विवादित जमीन थमा दी।
धोखाधड़ी का आरोप
किसान ने बताया कि 19 मई 2022 को खसरा संख्या 802 की जमीन बिल्डर को दी गई थी। बदले में उसे खसरा संख्या 845 की जमीन सौंपी गई। उस समय बिल्डर ने आश्वासन दिया था कि जमीन विवाद रहित है और निर्माण कार्य स्वतंत्र रूप से किया जा सकता है। कुछ समय बाद जब किसान उक्त भूमि पर पहुँचा तो वहां जीडीए का नोटिस चस्पा मिला। नोटिस में साफ लिखा था कि जमीन सड़क और ग्रीन बेल्ट के लिए प्रस्तावित है।किसान ने आरोप लगाया कि जब उसने बिल्डर से आपत्ति जताई तो उसके साथ अभद्रता की गई। यही नहीं, पत्र में उल्लेख किया गया कि ऐसी धोखाधड़ी अन्य किसानों के साथ भी की गई है।
किसानों की समस्या
गाजियाबाद और आसपास के क्षेत्रों में किसानों की जमीनें अक्सर बड़े प्रोजेक्ट्स में अधिग्रहीत या खरीदी जाती रही हैं। कई बार किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिल पाता, तो कई बार उन्हें विवादित या बेकार जमीन थमा दी जाती है। इस मामले ने एक बार फिर किसानों की सुरक्षा और उनके अधिकारों पर सवाल खड़े किए हैं।किसानों का कहना है कि वे अपनी मेहनत की कमाई और पैतृक जमीन खोकर बिल्डरों की चालबाजी का शिकार बन रहे हैं। उन्होंने मांग की है कि पुलिस और प्रशासन बिल्डरों पर कठोर कार्रवाई करे और किसानों को न्याय दिलाए।