गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता।
जब भी सवाल उठे तो पूछ लेना चाहिए यूपी के पूर्व विशेष सचिव गृह रामनिवास शर्मा के साथ पांच लाख एक हजार रुपये की ठगी एक शातिर ने हरिद्वार में फ्लेट दिलाने के नाम पर कर दी। मगर, मामले की रिपोर्ट दर्ज करने से पहले जांच में करीब दो हफ्ते लग गए। अंदाजा लगा सकते हैं कि आम आदमी की हालत क्या होगी। बहरहाल, पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच सुरू कर दी है।
ये है आरोप
सूबे के पूर्व विशेष सचिव गृह रहे रामनिवास शर्मा ने आरोप लगाया है कि मनीष शर्मा नाम के शख्स ने उन्हें हरिद्वार में फ्लेटदिलाने के नाम पर सब्जबाग दिखाए। 15 लाख कीमत वाले फ्लेट को दिलाने की एवज में 2021 से अब तक करीब पांच लाख एक हजार का भुगतान भी करा लिया और न फ्लेट दिया। न रकम वापस की। उल्टा फोन भी उठाना बंद कर दिया।
ये है आरोपी
विशेष सचिव गृह से ठगी करने के मामले की दर्ज एफआईआर में आरोपी मनीष शर्मा, पुत्र भागमल शर्मा, निवासी पर्ल पी-2, अरिहंत सोसायटी, क्रॉसिंग रिपब्लिक, गाजियाबाद को बनाया गया है।
ऐसे किया भुगतान
09-नवंबर2020 को 51,000 का भुगतान किया गया (बुकिंग राशि)
27-नवंबर2020 को 50,000 का भुगतान किया गया
28-दिसंबर2020 को 2,00,000 का भुगतान किया गया
06-जुलाई2021 को 2,00,000 का भुगतान किया गया
कुल भुगतान 5,01,000
4 साल से परेशान थे रिटायर्ड विशेष सचिव
कमिश्नर से की शिकायत में रिटायर्ड विशेष सचिव गृह ने लिखा कि वो 2021 से फ्लैट की रजिस्ट्री की सुविधा के लिए मनीष शर्मा से बार-बार संपर्क कर रहे थे। लेकिन लगातार निराधार बहाने दिए गए। जिससे उन्हें एहसास होने लगा की कोशिश बेकार है, लिहाजा उन्होंने भुगतान की गई राशि की वापसी का अनुरोध किया। मगर, पैसे वापस करने से इनकार कर दिया गया।
पूर्व विशेष सचिव के फोन भी नहीं किए अटेंड
इसके अलावा मनीष ने पूर्व विशेष सचिव के कॉल का जवाब देना और संदेशों का जवाब देना भी बंद कर दिया। लगातार देरी, पारदर्शिता की कमी और पैसे वापस करने से साफ इनकार करने से रिटायर्ड अफसर आर्थिक तनाव और मानसिक परेशानी से जूझने लगे। इन परिस्थितियों के मद्देनजर रिटायर्ड सीनियर अफसर ने मामले का निष्पक्ष और समय पर समाधान सुनिश्चित करने के लिए पुलिस कमिश्नर से हस्तक्षेप की मांग की।
ये की अफसर ने मांग
रिटायर्ड अफसर ने पुलिस कमिश्नर से अनुरोध किया कि मनीष शर्मा के खिलाफ गलत बयानी, वित्तीय धोखाधड़ी और अनुचित मानसिक पीड़ा पहुंचाने के लिए कानूनी कार्रवाई शुरू की जाए। इसके अलावा, पुलिस कमिश्नर कार्यालय से 5,01,000 रुपये की वापसी की सुविधा देने का आग्रह किया। साथ ही अर्जित ब्याज भी, जो उन्हें सही मायने में देय है।
ये दस्तावेज भी दिए कमिश्नर को
रिटायर्ड अफसर ने भुगतान रसीदों की प्रतियां और लेनदेन से संबंधित अन्य सहायक दस्तावेजों को संलग्न किया। और मांग की कि इस मामले के समाधाुलिसन में तेजी लाने के लिए आवश्यक कोई भी अतिरिक्त जानकारी या सहायता प्रदान करने के लिए वो पुलिस की सुविधानुसार उपलब्ध रहेंगे। साथ ही कहा कि इस मामले में न्याय सुनिश्चित करने के लिए पुलिस की त्वरित कार्रवाई की ईमानदारी से आशा करते हैं।