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जिला संयुक्त चिकित्सालय गाजियाबाद
गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
सरकारी अस्पतालों में निशुल्क ऑपरेशन और प्रसव सेवाएं उपलब्ध होने के बावजूद महिलाएं वहां जाने से कतरा रही हैं इसके विपरीत में निजी अस्पतालों में मोटी फीस देकर प्रसव कराना अधिक सुरक्षित मान रही है।
पैरामेडिकल स्टाफ का निजी लाभ
जबकि सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने पर नगरीय क्षेत्र में 1400 और ग्रामीण क्षेत्र में ₹1000 का भुगतान भी मिलता है। सरकारी अस्पताल में निशुल्क प्रसव के साथ ही अतिरिक्त धनराशि मिलने के बावजूद शहर में महिलाएं निजी अस्पताल में मोटी फीस देकर प्रसव कराने कर रही है इसका बड़ा कारण यह है कि बड़ा बजट होने के बावजूद सरकारी अस्पताल में डॉक्टर सहित पैरामेडिकल स्टाफ का गर्भवती और उसके परिजनों के प्रति रूखा व्यवहार होता है इसके अलावा अस्पताल में कार्यरत पैरामेडिकल स्टाफ निजी लाभ के चक्कर में प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं को निजी अस्पताल पहुंचा देते हैं।
सरकारी अस्पताल पर भरोसा नहीं
अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 तक निजी अस्पतालों में 70125 प्रसव हुए जबकि सरकारी अस्पतालों में 18078 प्रसव हुए इनमें सबसे हैरान करने वाला पहलू यह है कि निजी अस्पतालों में 70% सिजेरियन प्रसव हो रहे हैं जबकि सरकारी अस्पतालों में 70% प्रवस सामान्य हो रहे हैं।
लक्ष्य से बहुत पीछे
जिला स्वास्थ्य समिति की रिपोर्ट के अनुसार जिले में सिर्फ महिला अस्पताल और भोजपुरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है जहां शासन के निर्धारित लक्ष्य अधिक प्रसंग हुए इसके अलावा उन सभी स्वास्थ्य केंद्र काफी पीछे चल रहे हैं