गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
फर्जी पत्रों के चलते जमानत कराने के केसों में लगातार वृद्धि हो रही है ऐसे ही एक मामला एक बार फिर नजर आया जब पुलिस और तहसील के वेरिफिकेशन में जमानत में लगाए गए पर पत्र फर्जी पाए गए आनन फानन में ही आरोपियों के खिलाफ अभियोग पंजीकृत किया गया।
दोषियों के खिलाफ की जा रही है कानूनी कार्रवाई
इस संबंध में एसीपी कवि नगर स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि 2015 में सिहानी गेट थाने में रवि कुमार जैन के खिलाफ मारपीट का केस दर्ज किया गया था मामले में 2006 में रवि की जमानत के लिए दो लोग जमानती पेश किए गए जिसमें मुरादनगर के खेमावती निवासी सतवीर और मेरठ के मेडिकल थाना क्षेत्र के कमलापुरी निवासी रमेश की तरफ से जमानत दाखिल की गई।
जांच में जमानती निकले फर्जी
रमेश ने जमानत के लिए अपने गांव की जमीन की खतौनी लगाई थी। तहसील की जांच में पाया गया कि खसरा नंबर 830 की खतौनी रमेश के गांव की है ही नहीं यह जांच मेरठ के राजस्व निरीक्षक ने कोर्ट में अपनी रिपोर्ट द्वारा भेजी थी। इसके बाद गाजियाबाद कोर्ट परिसर स्थित एसीजेएम कोड नंबर 3 के लिपिक राहुल की शिकायत पर थाना कवि नगर में रवि कुमार जैन और दो अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया गया है।
पहले भी आ चुके हैं इस तरह के मामले
पुलिस के मुताबिक पहले भी इस तरह के कई मामले आ चुके हैं जहां फर्जी काग्रत के सहारे जमानत एवं अन्य कार्यों को कराया गया है ऐसे सभी मामलों में पुलिस ने शिकायत मिलने पर जांच के उपरांत कड़ी कानूनी कार्रवाई की है और यह सिलसिला आगे भी इसी तरह जारी रहेगी पुलिस के मुताबिक फर्जीवाड़े के विरुद्ध तत्काल प्रभाव से प्रभावी कार्रवाई की जा रही है।