गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता।
मूल रूप से बुलंदशहर जिले के थाना क्षेत्र के गांव बरमंदपुर का रहने वाला अक्षय सेक्टर दो वसुन्धरा में रहता था। दूध के काम से जुड़े 22 साल का ये युवक गेमिंग के फेर में फंसा और कर्जदार बन बैठा। कर्ज उतारने के लिए इसने पोने तीन लाख लूट की कहानी गढ़ी। मगर, पुलिस के सवालों में उलझ गया। पड़ताल में खुलासा हुआ कि कर्ज से मुक्ति के लिए न सिर्फ झूठी लूट की कहानी बनाई बल्कि पुलिस को भी छकाया। अब खुद ही फर्जी मुकदमा लिखवाने के आरोप में आरोपी बनकर पुलिस की गिरफ्त में है।
ये दी थी सूचना
मंगलवार को इन्दिरापुरम पुलिस को डायल- 112 के जरिये सूचना मिली कि मोटर साइकिल सवार तीन बदमाशों ने अक्षय कुमार नामक के शख्स से 2.75 लाख रुपये लूट लिए हैं और फरार हो गये हैं। इस सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। पीडित अक्षय कुमार से पूछताछ की।
अक्षय ने पुलिस को बताई ये कहानी
अक्षय ने पुलिस को बताया कि मैं दूध के क्लैक्शन का काम करता हूं। अपने वाहन को लेकर वसुन्धरा से मोहननगर की तरफ जा रहा था। तभी फार्म हाउस सर्विस रोड पर मोटर साइकिल सवार तीन युवकों ने 2.75 लाख रुपये छीन लिए और फरार हो गए ।
पुलिस की कसरत
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एसीपी इंदिरापुरम अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि जानकारी मिलते ही तुरंत इन्दिरापुरम पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर आरोपियों की तलाश में टीमों का गठन किया । अक्षय को थाने लाकर और पूछताछ की गई तो उसके बयानों पर संदेह हुआ।
बाइक की जगह कार का नंबर दे फंसा अक्षय
एसीपी के मुताबिक अक्षय ने शुरूआती पूछताछ में मोटरसाइकिल सवार 03 व्यक्तियों द्वारा लूट की बात कही थी। जो नंबर उसके द्वारा दिया गया, वो स्विफ्ट कार का था।, जिससे घटना को संदिग्ध मानते हुये सख्ती से पूछताछ की गयी, तो पीडित ने फर्जी लूट की बात स्वीकार कर ली।
इसलिए गढ़ी फर्जी लूट की कहानी
अक्षय ने पुलिस को बताया कि वह एवियेटर गेमिंग एप्प पर आनलाईन गेम खेलता था। जिसमे उसे महज एक महीने में करीब 2.29 लाख रुपये का नुकसान हो गया था। जबकि कुछ लोगों का कर्जा भी हो गया था। दूध की बिक्री के पैसे हडपने और उससे लोगो के कर्जे से मुक्ति पाने के लिए उसने लूट की ये मनगंढत कहानी गढ़ी थी।
बरामद किए 51 हजार, बाकी लूट बकवास
पुलिस ने अक्षय की निशादेही पर उसके वाहन के पायदान के नीचे से कुल 51,260 रुपये बरामद कर लिए हैं । उसने पुलिस को बताया कि यह रुपये आज के दूध के क्लैक्शन से प्राप्त धनराशी है। इसके अलावा शेष रकम मेरे झूठी बतायी गयी थी।
सड़क चलते पढ़ा था नंबर
एसीपी अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि जो लुटेरों की बाइक का नंबर अक्षय ने पुलिस को बताया था था उसके बारे में पूछने पर उसने बताया कि वह सडक चलती कार से पढ लिया था।
चोट भी बनाईं, कपड़े भी फाड़े
आरोपी ने पर्जी लूट को सच साबित करने के लिए अपने शरीर पर खुद ही चोटों के निशान बनाए और अपने कपडे भी फाडे थे, ताकि घटना सच्ची लगे । पुलिस पूछताछ में सने इस करतूत को भी स्वीकार किया है। गिरफ्तार अभियुक्त के विरुद्ध आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है ।