गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
कौशांबी जिले में गंगा जल सप्लाई की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। बीते एक महीने से अधिक समय से ट्रांसफार्मर खराब पड़ा है, जिसकी वजह से जल आपूर्ति बाधित हो रही है। हालात यह हैं कि रात से अब तक एक बूंद गंगाजल भी क्षेत्र के निवासियों को नहीं मिल पाया है। यह समस्या किसी प्राकृतिक आपदा के कारण नहीं, बल्कि जल निगम के अधिकारियों की घोर लापरवाही और उदासीनता का नतीजा है।
एक माह से बिजली बाधित
शुरुआत में जब ट्रांसफार्मर खराब हुआ, तो लोगों को उम्मीद थी कि कुछ ही दिनों में उसे ठीक कर लिया जाएगा और जल आपूर्ति सामान्य हो जाएगी। परंतु एक महीना बीतने के बाद भी हालात जस के तस हैं। ट्रांसफार्मर न तो बदला गया और न ही मरम्मत कर चालू किया जा सका। इसके कारण गंगा जल की सप्लाई का फ्लो काफी कम हो गया है। कुछ इलाकों में पानी बिल्कुल नहीं आता तो कहीं-कहीं बेहद कम प्रेशर में कुछ समय के लिए आता है। इससे आमजन को पीने के पानी, स्नान, सफाई तथा अन्य दैनिक जरूरतों के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
गंभीर समस्या
इस विकट समस्या की जानकारी कई बार संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाई गई, लेकिन न तो कोई ठोस कार्रवाई की गई और न ही समाधान का कोई प्रयास किया गया। जल निगम की इस लापरवाही ने क्षेत्र की जनता के स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित किया है। गर्मी के मौसम में पानी की जरूरत बढ़ जाती है, ऐसे में पानी का अभाव लोगों को मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान कर रहा है।
परेशान क्षेत्रवासी
स्थानीय निवासियों ने कई बार प्रदर्शन कर जल निगम का ध्यान खींचने की कोशिश की, लेकिन अब तक कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला है। यह स्थिति न सिर्फ जल निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह दर्शाती है कि जनसुविधाओं को लेकर जिम्मेदार विभाग कितने गैरजिम्मेदार बन चुके हैं। अब समय आ गया है कि जिला प्रशासन और सरकार इस मामले में हस्तक्षेप कर जरूरी कदम उठाएं।
ट्रांसफार्मर बना जी का जंजाल
ट्रांसफार्मर को तत्काल बदला जाए या मरम्मत कर गंगाजल सप्लाई को पुनः सुचारु किया जाए। साथ ही, संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही दोहराई न जाए। कौशांबी की जनता अब चुप नहीं बैठेगी। अगर जल्द समाधान नहीं हुआ, तो नागरिकों को सड़कों पर उतर कर विरोध करना पड़ेगा। पानी जीवन का मूल अधिकार है, और इसकी आपूर्ति में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती।