ट्रांस हिंडन, बाईबीएन संवाददाता। गंग नहर में पानी का स्तर कम होने से 100 क्यूसेक क्षमता वाले प्रताप विहार प्लांट तक पानी न पहुंचने से शनिवार शाम को करीब छह लाख लोगों को पानी नहीं मिल सका। रविवार की सुबह भी लोगों को गंगाजल की आपूर्ति ठीक से नहीं मिल सकी।
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पिछले दो माह में ऐसा चौथी बार हुआ है जब अधिकारिक रूप से गंगाजल प्लांट के अधिकारियों ने भी माना है कि वह प्लांट से पानी की सप्लाई समुचित रूप से नहीं कर पा रहे हैं। शनिवार की सुबह भी 100 क्यूसेक की क्षमता वाले प्रताप विहार प्लांट से पानी की आपूर्ति नहीं होने से शाम के समय इंदिरापुरम, वैशाली, वसुंधरा, कौशांबी, बृज विहार, सहित कई इलाकों में लोगों को गंगाजल नहीं मिल सका। कुछ इलाकों में गंगाजल की सप्लाई हुई भी तो लोगों ने बताया कि वह बहुत ही गंदा और बदबूदार था। वहीं गंगाजल प्लांट के अधिकारियों ने बताया कि शनिवार शाम के समय भी प्लांट को गंगनहर से बहुत ही कम क्षमता में गंगाजल मिला है। ऐसे में रविवार को भी दिक्कत बनी रह सकती है।
प्रत्येक वर्ष इस मौसम में सिंचाई विभाग की तरफ से कई बार किसानों की मांग पर गंगनहर का पानी सिंचाई के लिए दिया जाता है। बृहस्पतिवार आधी रात को भी सिंचाई विभाग ने मुरादनगर के पास नहर का पानी सिंचाई के लिए दे दिया था। इस कारण प्लांट तक सुबह पानी ही नहीं पहुंचा ऐसे में लोगों को पानी नहीं मिल सका। प्रताप विहार प्लांट जो 50 क्यूसेक की क्षमता वाला है वहां एक मोटर चलाकर पानी की सप्लाई दी गई इसके बाद भी हर इलाके से जहां पर गंगाजल की सप्लाई होती है वहां लोगों ने शाम के समय गंगाजल नहीं आने की शिकायत की।
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कारण कोई भी हो लेकिन बाधित हो जाती है गंगाजल की आपूर्ति
मार्च में ही बिजली बिल जमा न होने पर दो बार ऊर्जा निगम ने गंगाजल का कनेक्शन काट दिया जिससे गंगाजल सप्लाई बाधित रही थी। अप्रैल में आई आंधी के दौरान ट्रांसफार्मर फुंक जाने से भी एक हफ्ते तक पानी की सप्लाई बाधित हुई थी। अब गंगनहर में जल स्तर कम होने से गंगाजल सप्लाई बाधित हुई। कौशांबी निवासी व पूर्व पार्षद मनोज गोयल का कहना है कि अधिकारियों की लापरवाही से आम जन को परेशानी उठानी पड़ती है। सबको मालूम है कि टीएचए की लाखों की आबादी गंगाजल पर निर्भर है बावजूद इसके आए दिन किसी न किसी कारण से गंगाजल लोगों को नहीं मिलता।
पीछे से आपूर्ति कम होने पर सप्लाई भी हो जाती है बाधित
अधिशासी अभियता मुकेश ने बताया कि ट्रांस हिंडन एरिया में पानी की सप्लाई पूरी तरह से गंगनगर से प्लांट तक आने वाले पानी पर हम निर्भर रहते हैं। ऐसे में यदि थोड़ा सा भी गंगनहर का जलस्तर कम होता है तो प्लांट तक जाने वाला गंगाजल प्रभावित होता है।