Advertisment

Gda Board Meeting: हरनंदीपुरमपुरम योजना की राह हुई आसान, किसानों को मिलेगा 4गुना मुआवजा

जीडीए की मंगलावर को हुई बोर्ड बैठक में हरनंदीपुरम योजना पर बड़ा फैसला हुआ। इस योजना में जमीन देने वाले किसानों को चार गुना मुआवजा और 10 फीसदी विकसित भूमि मिलेगी। कई औऱ भी विकास योजनाओं पर मुहर लगी है।

author-image
Rahul Sharma
GZB gda board bethak-1

मेरठ मंडलायुक्त की अध्यक्षता में बोर्ड बैठक में मौजूद जीडीए वीसी व अन्य अधिकारी एवं पदाधिकारी।

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

गाजियाबाद, चीफ रिपोर्टर।

Advertisment

दिल्ली-मेरठ रोड पर हरनंदीपुरम आवासीय योजना में जमीन खरीदने पर 2400 करोड़ से अधिक का खर्च आने के प्रस्ताव पर मंगलवार को मेरठ में हुई जीडीए की बोर्ड बैठक में मुहर लग गई। योजना में जमीन देने वाले किसानों को सर्किल रेट से चार गुना ज्यादा मुआवजा देने और 10 फीसदी तक विकसित भूखंड देने का प्रस्ताव भी पास हो गया है। जमीन खरीदने के लिए शासन की ओर से 400 करोड़ रुपये पहले ही जारी किए जा चुके हैं। इसके अलावा और भी कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लगी है।

ये है हरनंदीपुरम योजना

2004 में मधुबन-बापूधाम आवासीय योजना लाई गई थी। करीब 20 साल बाद हरनंदीपुरम आवासीय योजना लाई जा रही है। राजनगर एक्सटेंशन से सटे आठ गांवों की 501 हेक्टेयर जमीन पर यह योजना बसाई जानी है। इस योजना को विकसित करने पर करीब 15000 करोड़ की लागत का अनुमान लगाया गया है। पहले चरण में पांच गांवों की जमीन क्रय करने करने की दिशा में काम शुरू हुआ है। पहले चरण में 120 हेक्टेयर में योजना पर काम होगा। इन गांवों की खसरा-खतौनी और जमीन के अन्य दस्तावेजों की जांच पूरी करने के साथ ही जमीन खरीदने के लिए दर का निर्धारण भी पिछले महीने हो चुका है। जीडीए वीसी अतुल वत्स ने बताया कि मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के तहत शासन की ओर से 400 करोड़ रुपये जमीन खरीदने के लिए जारी हो चुके हैं। किसानों से आपसी सहमति के आधार पर जमीन ली जाएगी। योजना में जमीन देने वाले काश्तकारों को सर्किल रेट का चार गुना दाम देने का निर्णय डीएम की अध्यक्षता में हो चुका है। किसानों की ओर से विकसित भूखंड देने की मांग की गई थी। किसानों को उनकी जमीन का 10 फीसदी भूखंड विकसित कर देने का प्रस्ताव पर मंगलवार को मुहर लग गई है। बोर्ड बैठक में अनुमोदन मिलने के बाद अब जमीन खरीदने का काम शुरू हो जाएगा।

Advertisment

इन गांवों की जमीन पर बसेगी हरनंदीपुरम आवासीय योजना
नए शहर हरनंदीपुरम योजना को विकसित करने के लिए जिन आठ गांवों की जमीन ली जानी है उनमें नगला फिरोजपुर, मोरटा, मथुरापुर, शमशेर, चंपतनगर, भनेड़ाखुर्द, शाहपुर निज मोरटा, भोवापुर शामिल हैं।

तीन साल का लगेगा समय
501 हेक्टेयर में बसने वाले नए शहर हरनंदीपुरम योजना को पूरी तरह तैयार होने में दो से तीन साल का समय लगेगा। योजना के लिए जमीन खरीदने के लिए 50 फीसदी बजट राज्य सरकार मुहैया कराएगी। 50 फीसदी राशि जीडीए अपने पास से लगाएगा।

Advertisment


किस गांव की कितनी जमीन (हेक्टेयर में)

नगला फिरोजपुर : 200.81
मथुरापुर : 15.73
शमशेर : 120.82
चंपत नगर : 40.68
भनेडा खुर्द : 12.83

शाहपुर निज मोरटा 68.93

भोवापुर : 59.78
मोरटा : 5.36

इन योजनाओं पर भी अब होगा काम

Advertisment

क्रॉसिंग रिपब्लिक में विकसित किए जाएंगे

भूखंड : क्रॉसिंग रिपब्लिक इंटीग्रेटेड

टाउनशिप में ग्रुप हाउसिंग भूखंड संख्या जीएच 12 के कुल क्षेत्रफल 27244.08 वर्ग मीटर भूमि में से 802.00 वर्ग मीटर को छोड़ते हुए ग्रुप हाउसिंग भूखंड पर ग्रुप हाउसिंग के स्थान पर भूखंड विकसित करने के लिए तलपट मानचित्र में परिवर्तन का प्रस्ताव पास ।

राजनगर एक्सटेंशन के आसपास चौड़ी

होंगी सड़कें : राजनगर एक्सटेंशन के

आसपास 18, 24, 30, 45 और 60 मीटर चौड़े जोनल सड़क निर्माण का प्रस्ताव भी पास कर दिया गया है। सड़कों के किनारे तेजी से आवासीय और व्यावसायिक योजनाएं विकसित हो सकेंगी।

पत्रकारपुरम बनाने का प्रस्ताव : प्राधिकरण

बोर्ड के सदस्य पवन गोयल द्वारा हरनंदीपुरम योजना में पत्रकारपुरम के नाम से एक सेक्टर को योजना में शामिल करने का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव पर विचार करने की बोर्ड ने मंजूरी दे दी है।

इन प्रस्तावों पर भी लगी मुहर

मधुबन-बापूधाम योजना

मधुबन- बापूधाम आवासीय योजना के लेआउट में परिवर्तन का प्रस्ताव और जीडीए की संपत्ति खरीदने वाले आवंटियों की सुविधा के लिए पहल पोर्टल के शुभारंभ का प्रस्ताव भी पास कर दिया गया है।

लोनी की मंडोला आवासीय योजना

बैठक में मंडोला-लोनी में कृषि योग्य भूमि का भू- उपयोग बदलने के प्रस्ताव पर भी मुहर लग गई है। ये प्रस्ताव भी लंबे समय से लटका था। जिसपर आखिरकार बोर्ड के सदस्य व पदाधिकारियों ने मुहर लगा दी।

ये बोले जीडीए वीसी

जीडीए वीसी ने बताया कि मधुबन-बापूधाम आवासीय योजना के नियोजन में कुछ खामियां सामने आईं थीं। घर के पास ही सामुदायिक सुविधाएं देने के लिए योजना के लेआउट में परिवर्तन का प्रस्ताव बोर्ड में रखा गया जिसे पास कर दिया गया है। योजना में जमीन दे चुके 762 किसानों को छह फीसदी भूखंड देने के प्रस्ताव पर भी मुहर लग गई है।

Advertisment
Advertisment