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जीडीए वीसी अतुल वत्स
गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) द्वारा हाल ही में लॉन्च किया गया ‘पहल पोर्टल’ पारदर्शिता और डिजिटल ट्रैकिंग को बढ़ावा देने की दिशा में एक सराहनीय कदम है, लेकिन इसके संचालन में आ रही लापरवाही अब उपाध्यक्ष अतुल वत्स की नाराजगी का कारण बन गई है।
अपलोडिंग में देरी
गौरतलब है कि जीडीए के व्यवसायिक अनुभाग से जुड़ी करीब 1500 संपत्तियों की जानकारी पोर्टल पर अपलोड की जानी थी, लेकिन अब तक केवल 135 फाइलें ही अपलोड की जा सकी हैं। जीडीए सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में उपाध्यक्ष ने इस धीमी प्रक्रिया पर कड़ी नाराजगी जताई और स्पष्ट निर्देश दिए कि कार्य की गति बढ़ाई जाए। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ तकनीकी सुधार नहीं, बल्कि आवंटियों के अधिकारों और भरोसे से जुड़ा मुद्दा है।
पहल पोर्टल
‘पहल पोर्टल’ का उद्देश्य संपत्तियों की किश्तों, बकायों और दस्तावेज़ों की जानकारी को एक क्लिक में उपलब्ध कराना है। लेकिन डिजिटल रिकॉर्डिंग की धीमी प्रक्रिया के कारण वसूली में भी अड़चन आ रही है। बैठक में यह तथ्य सामने आया कि कई व्यवसायिक संपत्तियों पर लाखों रुपये की किश्तें बकाया हैं, लेकिन पोर्टल पर उचित डेटा नहीं होने के कारण कार्रवाई संभव नहीं हो पा रही है।
जीडीए वीसी के सख्त तेवर
उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अब कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने स्वयं पोर्टल की प्रगति की नियमित समीक्षा करने का ऐलान किया और कहा कि जो अधिकारी कार्य में बाधा बनेंगे, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई निश्चित है।जीडीए का यह प्रयास डिजिटल पारदर्शिता की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है, लेकिन इसके सफल क्रियान्वयन के लिए समयबद्धता, जवाबदेही और तकनीकी दक्षता अत्यंत आवश्यक है।