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फाइल फोटो
गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के प्रवर्तन ज़ोन-7 से जुड़े 16 अवैध निर्माणों को लेकर मंडलायुक्त द्वारा गठित उच्चस्तरीय जांच समिति ने जांच शुरू कर दी है। ये निर्माण बिना नक्शा पास कराए तैयार कर लिए गए, जिससे जीडीए की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। शिकायतकर्ता ने राजेन्द्र नगर क्षेत्र में अवैध निर्माणों की जानकारी दी थी, जिसके आधार पर मंडलायुक्त ने एडीएम प्रशासन रणविजय सिंह और एसडीएम अरुण दीक्षित की अगुवाई में जांच समिति बनाई है। समिति में जीडीए के इंजीनियर भी शामिल किए गए हैं।
जोन-7 है निशाने पर
प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि उक्त निर्माणों पर कभी समय से नोटिस नहीं भेजे गए या फिर जानबूझकर कार्रवाई नहीं की गई। ज़ोन-7 पहले भी भ्रष्टाचार और संरक्षण देने के आरोपों के कारण विवादों में रहा है। कई सुपरवाइजर पहले भी निलंबित हो चुके हैं, लेकिन निर्माण कार्य नहीं रुके।महेंद्र इंक्लेव कॉलोनी को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। फ्रीहोल्ड एरिया होने के बावजूद यहां बिना स्वीकृति के बड़े पैमाने पर निर्माण हो रहे हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि जीडीए की पकड़ इस क्षेत्र में बेहद ढीली हो चुकी है।
कई मठाधीशों परेशान
अब समिति इस बात की तह तक जा रही है कि जब ये अवैध निर्माण शुरू हुए, उस समय ज़ोन-7 में कौन-कौन अधिकारी तैनात थे और किनकी लापरवाही से यह सब संभव हो पाया।यह जांच न केवल भ्रष्टाचार उजागर कर सकती है, बल्कि भविष्य में जीडीए की कार्यप्रणाली को भी दुरुस्त करने में सहायक साबित हो सकती है। फिलहाल, कई मौजूदा और पूर्व इंजीनियरों में जांच को लेकर घबराहट साफ देखी जा रही है।
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