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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
वो अकेली थी। परिवार से कोई नाता नहीं था। चार साल पहले घर छोड़कर भाग आई थी। उसे क्या पता था कि अब उसकी जिंदगी ज्यादा नहीं बची है। बात हो रही है लोनी बार्डर थाना क्षेत्र में बेहटा नहर के पास सूटकेस में मृत मिली युवती की। लोनी बॉर्डर पुलिस ने युवती के शव की गुत्थी को सुलझा लिया है। पुलिस युवती की हत्या करने और शव को सूटकेस में बंद करके ठिकाने लगाने के आरोप में युवती के दो देवर और ससुर को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार युवती के देवर ने ही अपने पिता के साथ मिलकर हत्या को अंजाम दिया था। इसके बाद पिता और भाई की मदद से शव को नए सूटकेस में बंद करके उसे चादर से बांधकर रात में बेहटा नहर के पास फेंक गए थे।
ऐसे दिया हत्याकांड को अंजाम
डीसीपी देहात सुरेंद्र नाथ तिवारी ने बताया कि युवती की लाश मिलने के बाद पुलिस ने दिल्ली के सीमावर्ती थानों में भी गश्ती जारी की थी। सीसीटीवी, सर्विलांस, मुखबिर और दिल्ली पुलिस से मिली सूचनाओं के आधार पर युवती की पहचान कविता (25 के रूप में हुई। जिसके बाद कड़ी से कड़ी को जोड़ते हुए पुलिस ने कविता के ससुर हरवीर, देवर सुमित और गुड्डू को गिरफ्तार किया गया है। डीसीपी के अनुसार देवर सुमित ने कविता की चुन्नी से गला घोंटकर हत्या की थी। हत्या में उसके पिता भी ने साथ दिया था। हत्या के बाद गुड्डू के साथ मिलकर कविता के शव को सूटकेस में पैक किया गया और रात में लगभग ढाई बजे सूटकेस को लोनी बार्डर थाना क्षेत्र मेें बेहटा नहर के पास हड़बड़ी में फेंक दिया गया। सूटकेस फेंकने के लिए हरवीर और गुड्डू आए थे। नहर के पास रुकने पर कुछ आहट हुई तो दोनों सूटकेस को नहर में फेंकने की जगह सड़क पर ही फेंककर भाग निकले।
इसलिए की हत्या
डीसीपी के अनुसार सुमित और गुड्डू कविता को पसंद नहीं करते थे। कविता का व्यवहार भी उन्हें गलत लगता था। अक्सर गुड्डू और सुमित का भाभी कविता से विवाद भी होता था। पांच दिन पहले कविता ने सुमित को किसी बात को लेकर थप्पड़ भी मार दिया था। सुमित ने उस समय तो कुछ नहीं कहा था। इसके बाद सात जून को कविता का ननद आइसनी से किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। इसके बाद 9 जून को दोनों में फिर से विवाद हुआ और कविता ने आइसनी को पीटना शुरु कर दिया था। इस बात से आग बबूला होकर सुमित ने कविता का विरोध किया तो कविता ने सुमित को भी भला बुरा कहा। जिसके बाद सुमित ने गुस्से में भाभी कविता की गर्दन पकड़कर बेड पर पटक दिया और चुन्नी से उसका गला दबा दिया। इस दौरान पिता हरवीर भी आ गए और उन्होंने कविता के पैर पकड़ लिए। इस पर सुमित ने पास में बेडशीट से बंधे रखे सूटकेस से बेडशीट खोलकर कविता का मुंह दबा दिया। कुछ देर में कविता की मौत हो गई। इसके बाद दोनों ने गुड्डू को बुलाया और कविता के शव को हरे रंग के सूटकेस में रखा। बैग की चेन आधी लगने से उन्होंने सूटकेस को पिन्नी में लपेटकर बेडशीट में बांध लिया। मौका पाकर देर रात करीब ढाई बजे शव को बाइक पर रखकर पिता और भाई गुड्डू ले गए। शव ठिकाने लगने के बाद करीब चार बजे वापस लौटे।
चार साल पहले रेलवे स्टेशन पर मिली थी कविता
पुलिस के अनुसार पूछताछ में हरवीर ने बताया कि लगभग चार साल पहले उन्हें कविता दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मिली थी। कविता ने उन्हें बताया था कि वह पंजाब की रहने वाली है और घरवालों से परेशान होकर घर छोड़कर भाग आई है। इस पर हरवीर कविता को अपने घर ले गया और उसकी सहमती से अपने बड़े बेटे सागर के साथ उसकी शादी कर दी। सागर उस समय ऑटो चलाता था, लेकिन फिलहाल वह ईंट भट्टे पर काम कर रहा है। घटना वाले दिन वह भट्टे पर ही था। जब वह वापस लौटा तो उसे बताया गया कि कविता झगड़ा करने के बाद सूटकेस लेकर अपने मायके चली गई है। हरवीर का परिवार दिल्ली के करावल नगर के अंबिका विहार में किराए पर रहता है। परिवार में हरवीर उनकी पत्नी विमलेश देवी, तीन बेटे सागर, सुमित, गुड्डू और एक बेटी आइसानी हैं। कविता और सागर की एक बेटी भी है। पुलिस के अनुसार आरोपियों के बयानों में विरोधाभास सामने आ रहा है कि घटना के दौरान घर में कौन-कौन था। डीसीपी ने बताया कि वारदात में प्रयुक्त बाइक बरामद की गई है।
परिवार को दी सूचना
डीसीपी ने बताया कि कविता के परिवार को पंजाब में सूचना दे दी गई है। उनके आने पर यदि कुछ और तथ्य सामने आते हैं तो उनके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।