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Ghaziabad crime: मौसेरे भाई करते थे वाहन चोरी, साथियों समेत दबोचे, 11 वाहन बरामद

दिल्ली एनसीआर में वाहन चोरी करने वाले गिरोह का इंदिरापुरम पुलिस ने खुलासा किया है। शातिर रेकी करने के बाद भीड़भाड़ इलाके से वाहन चोरी करते थे।

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Akshay Aggarwal
Indirapuram Vehicle Thief-1
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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता

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इंदिरापुरम पुलिस ने एनसीआर में दो पहिया वाहन चोरी करने वाले गिरोह का खुलासा किया है। पुलिस ने दो मौसेरे भाइयों समेत पांच वाहन चोरों को गिरफ्तार किया है। मौसेरे भाई गिरोह के मास्टरमाइंड थे। उनके पास से चोरी की गईं 10 बाइक, एक स्कूटी और चोरी में प्रयोग होने वाली स्मार्ट चाबी बरामद हुई है। 

पांच पकड़े, 11 दोपहिया बरामद

एसीपी इंदिरापुरम अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि इंदिरापुरम पुलिस ने चेकिंग के दौरान पांच वाहन चोरों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए वाहन चोरों के नाम रोहित, सागर शर्मा, आशू, आकाश उर्फ कल्लू और नीरज हैं। एसीपी ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों की निशानदेही पर कनावनी पुलिया के पास शिव मंदिर की तरफ जाने वाले नाले के किनारे झाडियों से 10 बाइक और एक स्कूटी बरामद हुई हैं। एसीपी ने बताया कि पकड़े गए आरोपी दिल्ली एनसीआर में वाहन चोरी की वारदातों को अंजाम देते थे। इतना ही नहीं बरामद वाहनों में 6 बाइक इंदिरापुरम थाना क्षेत्र से चोरी की गई थीं। जिनके मुकदमे थाने में दर्ज हैं। एसीपी ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ गाजियाबाद में सात, नोएडा में एक और दिल्ली में एक केस दर्ज हैं। पूछताछ में पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि वह चोरी के वाहन राह चलते लोगों को कम दाम पर बेच देते थे। पकड़ा गया आरोपी नीरज चोरी किए गए वाहनों की निगरानी करता था।

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रोहित और आशू हैं मास्टरमाइंड 

एसीपी के अनुसार गिरोह के मास्टरमाइंड रोहित और आशू हैं। रोहित के पास गाडियों की मास्टर चाबी रहती है। वह अपने साथियों के साथ चोरी की घटनाओं को अंजाम देता था। चोरी के लिए गिरोह के बदमाश भीड़ भाड वाले व मॉल जैसे क्षेत्रों को चुनते थे और चोरी से पहले वाहनों की रेकी करते थे। वह ताला तोडे बगैर ही मास्टर चाबी लगाकर वाहन चोरी करते थे। इस दौरान जिस समय एक साथी वाहन का लॉक खोलता था तब दूसरा उसके साथ ही रहता था। दोनों वाहन चोरी कर चले जाते थे। इस दौरान बैकअप के लिए उनके दो साथी वहीं रहते थे, जो कुछ देर बाद वहां से निकलते थे। 

सीसीटीवी फुटेज से हुआ खुलासा

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गिरफ्तार वाहन चोरों ने 6 जून को कई वाहन चोरी किये थे। इसके बाद 9 जून को फिर से वाहन चोरी हो गए। दोनों घटनाओं में सीसीटीवी फुटेज का मिलान किया गया तो चोरी करने के लिए आने वाले लोगों में से एक पर बगैर नंबर की बाइक होती थी, जिससे भागते समय कोई उनकी बाइक का नंबर नोट ना कर सके। इतना ही नहीं दोनों घटनाओं में एक बदमाश का फोटो दिखाई दिया।

आशू व नीरज वाहनों को लगाते थे ठिकाने

पुलिस की मांने तो चोरी के बाद गिरोह में शामिल आशू और नीरज वाहनों को ठिकाने लगाते थे। नीरज जहां वाहनों को कटवाने में मदद करता था तो वहीं आशू चोरी के वाहनों को देहात क्षेत्र में बिकवाने का काम करता था। चोरी की प्रत्येक बाइक पर गिरोह के सदस्यों को पांच से सात हजार रुपये मिलते थे, जिन्हें वह सभी आपस में मिलकर बांट लेते थे।

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