ट्रांस हिंडन बाईबीएन संवाददाता
गाजियाबाद जिले के वैशाली सेक्टर 1 में फ्लैट खरीदने वाले की मौत होने के बाद बिल्डर के कर्मचारियों ने किसी अन्य व्यक्ति को फर्जी पेपर तैयार कर बेच दिया। वारिसों को पता चला तो उन्होंने विरोध किया और फ्लैट बेचने वाले आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है।
पुलिस कमिश्नर से की शिकायत में देव गौरव पुत्र सत्यवीर सिंह नि 139, बीसी लाईन्स, मेरठ कैन्ट, मेरठ ने कहा कि उसके बहनोई वीरपाल सिंह की मृत्यु 27.10.2022 को हो गयी थी। वीरपाल सिंह द्वारा वर्ष 2011-12 में एक फ्लैट सं एल-2-605, क्लाउड-9, आर/सी-1/2 सै-01, वैशाली गाजियाबाद में खरीदा था। सम्पूर्ण धनराशि कम्पनी को समय पर अदा कर दी गयी थी, परन्तु कम्पनी / बिल्डर डिफाल्टर घोषित हो जाने के कारण रजिस्ट्री नहीं हो पायी थी। अब एनसीएलटी द्वारा प्रोजेक्ट के आगे की प्रक्रिया अपनायी जा रही है, जिसके तहत पिछले साल 2 सितंबर और 7 अक्टूबर के नोटिस डाक द्वारा मेरी बहन को प्राप्त हुए कि बकाया 1,78,420/-रु एक माह में अदा करके अपने फ्लैट की रजिस्ट्री तत्काल करा लें। मेरी बहन के कहने पर मैं 5 दिसंबर को क्लाउड 9 के वैशाली स्थित कार्यालय पर पहुंचा तो वहां मौजूद कर्मचारी ने बताया कि उक्त फ्लैट का बैनामा अभी हाल ही में हो गया है। अन्य कोई बात बताने से मना कर दिया।
क्लाउड 9 में कार्यरत कर्मचारियों पर आरोप
क्लाउड 9 कम्पनी में कार्यरत कर्मचारी मोहित त्यागी व अरविन्द एवं ज्ञानेन्द्र पुत्र रणवीर सिंह निवासी एचआईजी, प्रताप विहार, गाजियाबाद ने आपस में मिलकर शालिनी पत्नी अरविन्द के नाम कूटरचित/फर्जी कागज तैयार करके असल के रूप में प्रयोग करके रजिस्ट्री करा ली है। उपरोक्त व्यक्तियों ने वीरपाल सिंह की मृत्यु का लाभ उठाकर बैक डेट में समस्त कागजों पर वीरपाल सिंह का नाम पेन से काटकर शालिनी लिख दिया है। सभी कागजों पर कोई तारीख मौजूद नहीं है। ज्ञानेन्द्र द्वारा एक फर्जी पत्र लगाया गया है, जिसमें लिखा है कि फ्लैट के सभी कागजात खो गये हैं।
थाने की मुहर लगा बनाए फर्जी पेपर
उक्त में थाने की मोहर भी लगी है। वर्ष 2018 में उक्त फ्लैट का सौदा अरविन्द के साथ हुआ था, जिसका एक नोटराईज एग्रीमैन्ट वर्ष 2020 में बना था। इसके अनुसार 15 लाख रुपये प्राप्त किये गये थे और 28 लाख रूपये बकाया है परन्तु अरविन्द द्वारा समय से बकाया धनराशि नहीं दी जाने के कारण सौदा रदद हो गया था। एक पावर आफ अटार्नी 18.10.2021 वीरपाल द्वारा की गयी थी, जिसमें स्पष्ट लिखा है कि फ्लैट विक्रय का समस्त प्रतिफल वीरपाल सिंह को मिलेगा। दिनांक 27.10.2022 वीरपाल सिंह के देहान्त के पश्चात उपरोक्त जीपीए कानूनन महत्वहीन हो गयी थी। वीरपाल सिंह ने मृत्यु से कुछ दिन पूर्व मुझे बताया था कि अरविन्द, ज्ञानेन्द्र, शालिनी व मोहित त्यागी मिलकर लोगों की सम्पत्ति हडपने का कार्य करते हैं और विदेश भाग जाते हैं। इन सभी की मेरे फ्लैट पर बुरी नजर है और तभी मोहित त्यागी को फोन कर जल्द से जल्द रजिस्ट्री कराने की बात कही थी। इस कृत्य में अरविन्द, ज्ञानेन्द्र, शालिनी व मोहित त्यागी व कम्पनी के निदेशक अमित अग्रवाल, व आईआरपी मोहित गोयल व अन्य कर्मचारी शामिल हैं। उपरोक्त सभी फर्जी कूटरचित तरीके से मेरी बहन का फ्लैट हडपने पर आमादा हैं।