Ghaziabad Crime: दो लाख दो, बिना नक्शा कर लो निर्माण, जीडीए सुपरवाइजर वसूली करते गिरफ्तार, जेई फरार
जीडीए में रिश्वत देकर कुछ भी कराने के आरोप यूं तो आए दिन लगते रहते हैं। मगर, सोमवार को ये बात तब साबित हो गई जबकि बिना नक्शा निर्माण कराने की एवज में एंटी करप्शन मेरठ ने जीडीए के सुपरवाइजर को रंगे हाथ दो लाख की रिश्वत लेते दबोच लिया।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को आम लोग करप्शन की वजह से गाजियाबाद विनाश प्राधिकरण और गाजियाबाद भ्रष्टाचार प्राधिकरण के नामों से भी पुकारते हैं। लेकिन अफसर भ्रष्टाचार के आरोपों को सिरे से खारिज करते रहते हैं। लेकिन मुरादनगर में एंटी करप्शन टीम ने जीडीए के एक सुपरवाइजर को दो लाख रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। जबकि जेई मौके से फरार हो गया। जीडीए के जेई और सुपरवाइजर ने सुराना गांव के सुरेंद्र यादव से बिना नक्शा पास किए निर्माण के लिए रिश्वत मांगी थी। एंटी करप्शन टीम ने शिकायत मिलने पर आज कार्रवाई करते हुए सुपरवाइजर को दबोच लिया।
ये है मामला
जीडीए का दफ्तर और इनसेट में रिश्वतखोरी की शिकायत एंटी करप्शन शाखा से करने वाला पीड़ित।
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मुरादनगर में एंटी करप्शन टीम ने गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के सुपरवाइजर को दो लाख रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। इस दौरान जूनियर इंजीनियर (जेई) मौके से फरार हो गया। सुराना गांव निवासी सुरेंद्र यादव रावली मार्ग पर चुंगी नंबर तीन के पास एक ऑफिस का निर्माण करवा रहे हैं। आरोप है कि जीडीए का जेई बिना नक्शा स्वीकृत किए निर्माण कार्य के लिए उनसे रिश्वत मांग रहा था। शिकायत कर्ताओं ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन शाखा मेरठ से की थी। सुराना गांव के सुरेंद्र कुमार बालाजी वाले और एडवोकेट महावीर सिंह से के मुताबिक बिना नक्शा पास किए निर्माण के लिए रिश्वत मांगी गई थी। मुरादनगर में एंटी करप्शन टीम ने गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के सुपरवाइजर को दो लाख रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। इस दौरान जूनियर इंजीनियर (जेई) अजीत कुमार मौके से फरार हो गया।सुपरवाइजर राजकुमार को पकड़ लिया। सुराना गांव निवासी सुरेंद्र और एडवोकेट महावीर सिंह रावली मार्ग पर चुंगी नंबर तीन के पास एक ऑफिस का निर्माण करवा रहे हैं। आरोप है कि जीडीए का जेई बिना नक्शा स्वीकृत किए निर्माण कार्य के लिए उनसे रिश्वत मांग रहा था। इस कार्यवाही से जीडीए अधिकारियों में हड़कप मचा है ।
पहले भी पकड़े गए हैं रिश्वतखोर
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ऐसा नहीं कि जीडीए में रिश्वतखोरी का ये पहला मामला है जो प्रकाश में आया है, बल्कि इससे पहले भी कई मर्तबा इस तरह की गिरफ्तारी और कार्रवाई होती रही हैं। भले ही वर्तमान जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स कितने भी प्रयास कर रहे हों। मगर, ये करतूत बताती है कि निचले स्तर पर अभी भी भ्रष्टाचार चरम पर है।
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