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गाजियाबाद राजस्थान पुलिस के खुफिया इनपुट के आधार पर गाजियाबाद क्राइम ब्रांच ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 27 लाख रुपये से अधिक की कीमत का गायब किया गया धनिया बरामद कर लिया है। इस मामले में दो शातिर अपराधियों, अवनीश त्यागी और कपिल त्यागी, को गिरफ्तार किया गया है, जबकि तीसरा आरोपी हरीश फरार है। क्राइम ब्रांच ने ट्रक, 366 बोरे धनिया, और 5 लाख 38 हजार रुपये नकद भी बरामद किए हैं। यह कार्रवाई गाजियाबाद के मधुबन बापूधाम थाना क्षेत्र में की गई।
क्या है पूरा मामला?
रामगंजमण्डी, जनपद कोटा (राजस्थान) की कृषि उपज मण्डी से शिवभगवान अग्रवाल ने अपनी सांवलिया ट्रेडिंग कंपनी के माध्यम से 30,150 किलोग्राम धनिया, जिसकी कीमत करीब 27,38,549 रुपये थी, शीतल ट्रांसपोर्ट कंपनी के ट्रक (नंबर RJ27GC5566) के जरिए गुवाहाटी, असम भेजा था। लेकिन यह ट्रक गुवाहाटी नहीं पहुंचा। इस पर शिवभगवान ने ट्रक ड्राइवर और मालिकों पर माल गायब करने का आरोप लगाते हुए 18 मई 2025 को रामगंजमण्डी थाने में मामला दर्ज कराया।
जांच के दौरान राजस्थान पुलिस को पता चला कि ट्रक पर फर्जी नंबर प्लेट लगी थी और यह गाजियाबाद के आसपास देखा गया। इस खुफिया जानकारी को गाजियाबाद क्राइम ब्रांच के साथ साझा किया गया।
आरोपियों का खुलासा
पूछताछ में अवनीश त्यागी ने बताया कि वह एमए तक पढ़ा हुआ है और उसने 2019 तक रघुवीर ट्रेडिंग कंपनी के नाम से एक फर्म चलाई थी, जो बाद में बंद हो गई। इसके बाद उसने एक ट्रक खरीदा और विभिन्न ट्रांसपोर्टरों से माल ढोने का काम शुरू किया। लेकिन कम मुनाफे के कारण उसने अपराध की राह चुनी। अवनीश की मुलाकात भगवानपुर, राजस्थान के ट्रक ड्राइवर हरीश से हुई, जिसके साथ मिलकर उसने फर्जी नंबर प्लेट और नाम बदलकर माल गायब करने की साजिश रची।
5 मई 2025 को तीनों आरोपियों (अवनीश, कपिल, और हरीश) ने रामगंजमण्डी से 666 बोरे धनिया लोड किया, जिसे गुवाहाटी पहुंचाने के बजाय गाजियाबाद लाया गया। यहां उन्होंने ट्रक की नंबर प्लेट को हिमाचल प्रदेश की फर्जी नंबर प्लेट (HP38H0357) से बदल दिया और अपने फोन बंद कर लिए। हरीश ने अपने पुराने संपर्कों के जरिए 300 बोरे धनिया को 9,38,000 रुपये में बेच दिया, जिसमें से 4 लाख रुपये वह अपने साथ ले गया। बाकी 5,38,000 रुपये अवनीश और कपिल के पास थे, जो बचे हुए माल को बेचने की फिराक में थे।
कपिल त्यागी ने बताया कि उसने 10वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी और खेती के साथ-साथ बुलंदशहर की बैजनाथपुर शुगर मिल में 14 हज़ार रुपये मासिक वेतन पर नौकरी की। हरीश से मुलाकात के बाद वह इस साजिश में शामिल हो गया।
पहले भी कर चुके हैं ऐसी वारदातें
आरोपियों ने कबूल किया कि यह उनकी पहली वारदात नहीं थी। वे पहले भी फर्जी नंबर प्लेट और नाम बदलकर माल गायब करने का काम कर चुके हैं। पुलिस अब फरार आरोपी हरीश की तलाश में जुट गई है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि बेचे गए 300 बोरे धनिया को किसने खरीदा।
पुलिस की सतर्कता और चुनौती
गाजियाबाद क्राइम ब्रांच की इस कार्रवाई ने एक बार फिर साबित किया कि इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और खुफिया तंत्र के सहारे अपराधियों को पकड़ना संभव है। हालांकि, फर्जी नंबर प्लेट और अंतरराज्यीय अपराधों की बढ़ती घटनाएं पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई हैं। गाजियाबाद, दिल्ली से सटे होने के कारण अपराधियों के लिए एक संवेदनशील क्षेत्र है, जहां से अपराधी आसानी से भाग निकलते हैं।
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