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गाजियाबाद के नाहल गांव में पुलिस मुठभेड़: सिपाही सौरभ की शहादत, कुख्यात अपराधी कादिर के खिलाफ मुकदमा दर्ज
मसूरी थाना क्षेत्र के नाहल गांव में रविवार देर रात एक दुखद घटना में गौतमबुद्धनगर के फेस-3 थाना पुलिस के सिपाही सौरभ कुमार की मुठभेड़ के दौरान गोली लगने से मौत हो गई। इस घटना के बाद मसूरी थाने में कुख्यात अपराधी कादिर उर्फ मंटर, उसके भाई और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
पूरा गांव ही अपराधी प्रवृति का
नोएडा फेस-3 थाने के दारोगा सचिन राठी की तहरीर के आधार पर दर्ज मुकदमे के अनुसार, सात पुलिसकर्मियों की टीम जिसमें दारोगा उदित सिंह, निखिल, सिपाही सचिन, सौरभ, संदीप कुमार और सोनित शामिल थे नाहल गांव में वांछित अपराधी कादिर उर्फ मंटर को पकड़ने गई थी। पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि कादिर गांव में मौजूद है और वह एक आदतन अपराधी है, जो पुलिस को देखकर भाग सकता है। मुखबिर ने यह भी चेतावनी दी थी कि गांव में कई आपराधिक प्रवृत्ति के लोग रहते हैं।
कादिर को घर से लिया था हिरासत में
पुलिस टीम ने कादिर को उसके घर से हिरासत में लिया, लेकिन इसके बाद स्थिति बिगड़ गई। कादिर ने वहां मौजूद लोगों को उकसाया और दावा किया कि पुलिस उसे मारने जा रही है। इसके बाद भीड़ उग्र हो गई और पुलिस टीम पर हमला कर दिया। हमलावरों ने अंधाधुंध गोलीबारी और पथराव शुरू कर दिया। इस हमले में सिपाही सौरभ के सिर में गोली लगी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। सिपाही सोनित भी घायल हुए। पुलिस ने कादिर को मौके से निकालने की कोशिश की, लेकिन सौरभ को तत्काल नेहरू नगर के यशोदा अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया
मुखबिर की चेतावनी पर नहीं दिया ध्यान
मुकदमे में यह भी उल्लेख किया गया है कि मुखबिर ने पुलिस को नाहल गांव में आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों की मौजूदगी के बारे में पहले ही आगाह किया था, लेकिन टीम ने इस चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया। इसके अलावा, पुलिस ने न तो मसूरी थाने में अपनी आमद दर्ज कराई और न ही सादी वर्दी और निजी वाहनों में दबिश दी, जिसके कारण स्थिति और जटिल हो गई
कौन है कादिर उर्फ मंटर?
डीसीपी ग्रामीण सुरेंद्र नाथ तिवारी ने बताया कि कादिर उर्फ मंटर एक कुख्यात अपराधी है, जिसके खिलाफ गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, गौतमबुद्धनगर, हापुड़ और मेरठ में कुल 20 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। इनमें चोरी, गैंगस्टर अधिनियम और अन्य गंभीर अपराध शामिल हैं। मसूरी थाने में ही कादिर के खिलाफ 16 मुकदमे दर्ज हैं, और उसकी हिस्ट्रीशीट संख्या 283ए है। कादिर को मौके से गिरफ्तार कर स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया है।
पुलिस की कार्रवाई और शोक
घटना के बाद पुलिस ने कादिर और उसके साथियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं और आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम 1932 की धारा 7 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। डीसीपी तिवारी ने कहा कि हमले में शामिल सभी आरोपियों की पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। सिपाही सौरभ की शहादत से पुलिस महकमे में शोक की लहर है। पुलिस आयुक्त गौतमबुद्धनगर ने सौरभ के परिवार को एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता और सभी पुलिसकर्मियों द्वारा एक दिन के वेतन की अनुग्रह राशि प्रदान करने का ऐलान किया है।
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