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मसूरी थाना क्षेत्र के नाहल गांव में रविवार देर रात हुई सनसनीखेज घटना में नोएडा फेस-3 थाने के सिपाही सौरभ कुमार की हत्या के बाद गाजियाबाद पुलिस ने कुख्यात अपराधी कादिर उर्फ मंटर के साथियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू कर दी। इस कार्रवाई के दौरान पुलिस और कादिर के साथी बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ में दो बदमाशों को गोली लगी, जबकि कादिर पहले ही गिरफ्तार हो चुका है।
घटना का विवरण
25 मई 2025 की रात को नोएडा फेस-3 थाने की पुलिस टीम, जिसमें दारोगा उदित सिंह, निखिल, सिपाही सचिन, सौरभ, संदीप कुमार और सोनित शामिल थे, मसूरी के नाहल गांव में कुख्यात अपराधी कादिर उर्फ मंटर को पकड़ने गई थी। कादिर पर गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, हापुड़, मेरठ और गौतमबुद्धनगर में लूट, चोरी और गैंगस्टर अधिनियम के तहत 20 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं।
पुलिस ने कादिर को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया, लेकिन गांव से बाहर निकलते समय पंचायत भवन के पास कादिर के 8-10 साथियों और कुछ स्थानीय लोगों ने पुलिस पर पथराव और गोलीबारी शुरू कर दी। इस हमले में सिपाही सौरभ के सिर में गोली लगी, जिसके बाद उन्हें यशोदा अस्पताल, नेहरू नगर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सिपाही सोनित भी इस हमले में घायल हुए।
पुलिस की जवाबी कार्रवाई और मुठभेड़
सिपाही सौरभ की शहादत के बाद गाजियाबाद और नोएडा पुलिस ने संयुक्त रूप से कादिर के साथियों की तलाश में सघन अभियान शुरू किया। मसूरी क्षेत्र में पुलिस को सूचना मिली कि कादिर के कुछ साथी, जो हमले में शामिल थे, इलाके में छिपे हुए हैं। पुलिस ने जब उन्हें घेरने की कोशिश की, तो बदमाशों ने फिर से गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी फायरिंग की, जिसमें कादिर के दो साथियों को गोली लगी। घायल बदमाशों को तत्काल अस्पताल ले जाया गया।
मुकदमा और जांच
नोएडा फेस-3 थाने के उपनिरीक्षक सचिन राठी की तहरीर पर मसूरी थाने में कादिर, उसके भाई और अन्य अज्ञात हमलावरों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 191(2), 191(3), 190, 131, 125, 121(2), 132, 109(1), 103(1), 61(2), 50, 351(3) और आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम 1932 की धारा 7 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। डीसीपी तिवारी ने कहा कि मामले की गहन जांच की जा रही है और बाकी फरार आरोपियों को पकड़ने के लिए कई टीमें गठित की गई हैं।
कानूनी सवाल
इस घटना ने ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस कार्यवाही के दौरान स्थानीय लोगों की उग्र प्रतिक्रिया और अपराधियों के बढ़ते हौसले पर गंभीर सवाल उठाए हैं। पुलिस ने स्पष्ट किया कि नाहल गांव में आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों की मौजूदगी की मुखबिर की चेतावनी को नजरअंदाज करना और सादी वर्दी में दबिश देना इस त्रासदी का कारण बना। पुलिस अब इस मामले की जांच में यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि गोलीबारी और हमले के पीछे की पूरी परिस्थितियाँ क्या थीं।
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