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कौशांबी मेट्रो स्टेशन के पास बेहोशी की हालत में मिली नाइजीरियन महिला के मामले में पुलिस की गंभीर लापरवाही उजागर हुई है। महिला नशे में बेसुध हालत में ई-रिक्शा में सवार थी और पुलिस ने दो बार ई-रिक्शा को रोका था। इसके बाद भी पुलिस ने नाइजीरियन महिला को उसके डेलीगेशन तक पहुंचाने में कई रुचि नहीं दिखाई। बल्कि ई-रिक्शा चालक को महिला को बेसुध हालत में ही कौशांबी बस डिपो पर छोड़ने का निर्देश दे दिया था।
ये था मामला
नोएडा में नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एंटरप्रेन्योरशिप एंड स्मॉल बिजनेस डेवलपमेंट (एनआईईबीयूडी) की ओर से आयोजित कार्यशाला में शामिल होने आई नाइजीरिया का महिला प्रशिक्षक एटिलोलो बेनमी कौशांबी मेट्रो स्टेशन के पास बेहोशी की हालत में मिली थीं। पुलिस ने उन्हें दिल्ली के अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां से उन्हें उनके डेलीगेशन के पास भेज दिया गया था। इस मामले में एनआईईबीयूडी के जूनियर असिस्टेंट एडमिन शिव देव सिंह नेगी की ओर से नोएडा के सेक्टर-62 थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी। नोएडा सेक्टर-62 थाने में जीरो एफआईआर दर्ज करके कौशांबी थाने ट्रांसफर किया गया है। रिपोर्ट में बताया गया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम से 2 जून की शाम को एटिलोलो बेनमी दिल्ली में अपनी बहन के स्नातक समारोह में शामिल होने गई थीं। उन्हें बताया कि वह 3 जून को वापस लौंटेंगी। वह 3 जून के प्रशिक्षण सत्र में शामिल नहीं हुई थीं। इस दौरान उन्हें सूचना मिली की बेनमी टीएचए के कौशांबी मेट्रो स्टेशन के पास बेहोशी की हालत में मिली हैं। होश में आने पर 5 जून को उन्होंने बताया कि वह 2 जून की शाम शिप्रा मॉल गई थीं। लौटते समय वह एक ई-रिक्शा में सवार हुईं। आरोप है कि ई-रिक्शा चालक ने उनके साथ अभद्रता की और उनके मोबाइल छीन लिए। जिसके चलते वह बेहद डर गईं और ई-रिक्शा से कूद गईं। रिपोर्ट में विदेशी नागरिक की सुरक्षा और सम्मान का मामला बताकर कार्रवाई की मांग की गई है। डीसीपी टीएचए निमिष पाटिल का कहना है कि मामले में एक संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है। उससे पूछताछ की जा रही है। जल्द ही मामले का खुलासा किया जाएगा।
पुलिस की घोर लापरवाही
पुलिस सूत्रों के अनुसार नाइजीरियन महिला जब ई-रिक्शा में सवार हुई थीं तब वह बहुत ज्यादा नशे में थीं और अपने इंस्टीट्यूट का रास्ता भी नहीं बता पा रही थीं। ई-रिक्शा चालक उनसे रास्ता पूछ रहा था, लेकिन वह बता नहीं पा रही थीं। जिसके कारण ई-रिक्शा सड़कों पर इधर से उधर घूम रहा था। ई-रिक्शा चालक उन्हें गौड़ ग्रीन सोसायटी की ओर ले गया। जहां एक ट्रैफिक सिपाही ने उसे रोक लिया। ई-रिक्शा चालक ने उन्हें पूरी बात बताई जिसके बाद ट्रैफिक सिपाही ने उसे दूसरे रास्ते से जाने के लिए कहकर रवाना कर दिया। इसके बाद ई-रिक्शा खोड़ा बाईपास से हाईवे पर चढ़ गया। काफी देर तक हाईवे पर चलने के बाद भी जब महिला ने उसे सही रास्ता नहीं बता सकी तो वह उसे अपने घर ले गया। महिला काफी नशे में थी और वह ई-रिक्शा में लगभग बेहोशी की हालत में थी। घर पहुंचकर ई-रिक्शा चालक ने अपने पत्नी और बहन से उन्हें अंदर ले जाने के लिए कहा। इस दौरान वहां गश्त करती हुई लैपर्ड पहुंच गई। लैपर्ड पर सवार पुलिसकर्मियों ने ई-रिक्शा चालक को महिला को घर में रखने की जगह कौशांबी बस डिपो पर छोड़ने के लिए कहा। जिसके बाद वह अपनी बहन को साथ लेकर महिला को कौशांबी बस डिपो पर छोड़ आया। इसके बाद महिला बेहद नशे की हालत में कौशांबी मेट्रो स्टेशन के पास पहुंच गई और वहीं लोहे की स्लैप पर सो गई। इस दौरान ई-रिक्शा चालक भी वहां पहुंचा और महिला को बेहोश देखकर उसके बैग में से मोबाइल निकाल कर ले गया। कुछ देर बाद वहां पुलिस पहुंची और महिला को बेहोश देखकर जांच में जुट गई। महिला के बैग से मिले आई कार्ड के जरिए एनआईईबीयूडी से संपर्क किया गया। जिसके बाद महिला को अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
कहां गई मित्र पुलिस
हाल ही में कमिश्नरेट में नियुक्त हुए नए पुलिस कमिश्नर जे रविंद्र गौड़ ने बीट व्यवस्था को और प्रभावी तरीके से लागू करते हुए पुलिस को जनता का मित्र बनने की सलाह दी थी। शायद पुलिस ने उनकी सलाह को दूसरे रूप में मान लिया। एक विदेशी महिला जो नशे की हालत में लगभग बेहोश है, पुलिस ने उसकी सहायता करने की जगह ई-रिक्शा चालक को महिला को लावारिस हालत में छोड़ने के लिए कह दिया। यदि गौड़ ग्रीन सिटी के पास मिला ट्रैफिक कॉन्सटेबल और ई-रिक्शा चालक के घर पहुंचे लेपर्ड पुलिसकर्मी थोड़ी सी भी संवेदनशीलता दिखाते तो महिला को सुरक्षित उसके डेलिगेशन के पास पहुंचाया जा सकता था। लेकिन, पुलिस कर्मियों ने विदेशी महिला की मदद की मदद करने की जगह ई-रिक्शा चालक पर ही पूरी जिम्मेदारी डाल दी।